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हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत हित साधने को दाखिल जनहित याचिका खारिज की - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत हित साधने के लिए दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Feb 8, 2021, 7:59 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत हित साधने के लिए दाखिल जनहित याचिका 50 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने मजार ग्राम की अफसाना की याचिका पर दिया.

ग्राम पंचायत में सस्ते गल्ले के सही वितरण की मांग में यह याचिका दायर की गई थी. दुकान आवंटन में याची की बहू ने भी आवेदन दिया था, लेकिन दुकान दूसरे को मिली. पहले वाले दुकानदार के पक्ष में हाईकोर्ट के यथास्थिति आदेश के चलते आवंटन निरस्त कर दूसरी ग्राम पंचायत की दुकान से संबद्ध कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने कहा कि जब याची दुकान पाने की इच्छुक है तो वह जनहित याचिका दाखिल नहीं कर सकती. हाईकोर्ट ने याची को 15 दिन में हर्जाना हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि यदि हर्जाना जमा नहीं किया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत हित साधने के लिए दाखिल जनहित याचिका 50 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने मजार ग्राम की अफसाना की याचिका पर दिया.

ग्राम पंचायत में सस्ते गल्ले के सही वितरण की मांग में यह याचिका दायर की गई थी. दुकान आवंटन में याची की बहू ने भी आवेदन दिया था, लेकिन दुकान दूसरे को मिली. पहले वाले दुकानदार के पक्ष में हाईकोर्ट के यथास्थिति आदेश के चलते आवंटन निरस्त कर दूसरी ग्राम पंचायत की दुकान से संबद्ध कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने कहा कि जब याची दुकान पाने की इच्छुक है तो वह जनहित याचिका दाखिल नहीं कर सकती. हाईकोर्ट ने याची को 15 दिन में हर्जाना हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि यदि हर्जाना जमा नहीं किया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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