प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को कुछ अहम मुद्दों पर फैसले सुनाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा आरओ और एआरओ को लेकर फैसला सुनाया. वहीं एक दूसरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल द्वारा ग्रेच्युटी, जीपीएफ और पेंशन याचिका पर सुनवाई की.
आरओ, एआरओ परीक्षा पर फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित आरओ, एआरओ परीक्षा में गैर 'ओ' लेवल कंप्यूटर सर्टिफिकेट-धारक अभ्यर्थियों को राहत दी है. शैलेश मिश्र व 12 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह फैसला सुनाया. फैसले में कहा गया कि याची गण यदि परीक्षा में सफल होते हैं तो उनका स्पेशल टाइप टेस्ट लिया जाए और इस क्रम में उनको नियुक्ति दी जाती है तो उनकी नियुक्तियां इस याचिका के निर्णय के अधीन रहेगी.
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कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल के मामले में फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल को उसकी ग्रेच्युटी, जीपीएफ और पेंशन आदि सभी परिलाभों का भुगतान करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि याची के खिलाफ लंबित मुकदमे में उसे सजा होती है तो विभाग को उससे वसूली करने की छूट होगी. याची के खिलाफ दर्ज मुकदमे का रिकॉर्ड लंबे समय से लापता है. जिसकी वजह से उसके मुकदमे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा निस्तारित नहीं होने के आधार पर याची के सेवानिवृत्ति परिलाभों को अनिश्चितकाल तक के लिए नहीं रोका जा सकते है. कांस्टेबल उदय वीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने दिया है.