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हाईकोर्ट ने आरओ, एआरओ परीक्षा में गैर 'ओ' लेवल अभ्यर्थियों को दी राहत

शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई अहम मुद्दों पर अपने फैसले सुनाए. हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित आरओ, एआरओ परीक्षा को लेकर निर्णय लिया. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल को उसकी ग्रेच्युटी, जीपीएफ और पेंशन आदि सभी परिलाभों का भुगतान को लेकर भी फैसला सुनाया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jan 18, 2020, 7:50 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को कुछ अहम मुद्दों पर फैसले सुनाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा आरओ और एआरओ को लेकर फैसला सुनाया. वहीं एक दूसरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल द्वारा ग्रेच्युटी, जीपीएफ और पेंशन याचिका पर सुनवाई की.

आरओ, एआरओ परीक्षा पर फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित आरओ, एआरओ परीक्षा में गैर 'ओ' लेवल कंप्यूटर सर्टिफिकेट-धारक अभ्यर्थियों को राहत दी है. शैलेश मिश्र व 12 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह फैसला सुनाया. फैसले में कहा गया कि याची गण यदि परीक्षा में सफल होते हैं तो उनका स्पेशल टाइप टेस्ट लिया जाए और इस क्रम में उनको नियुक्ति दी जाती है तो उनकी नियुक्तियां इस याचिका के निर्णय के अधीन रहेगी.

इसे भी पढ़ें - 2 जांचों में घट गई कांस्टेबल अभ्यर्थी की लंबाई, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल के मामले में फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल को उसकी ग्रेच्युटी, जीपीएफ और पेंशन आदि सभी परिलाभों का भुगतान करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि याची के खिलाफ लंबित मुकदमे में उसे सजा होती है तो विभाग को उससे वसूली करने की छूट होगी. याची के खिलाफ दर्ज मुकदमे का रिकॉर्ड लंबे समय से लापता है. जिसकी वजह से उसके मुकदमे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा निस्तारित नहीं होने के आधार पर याची के सेवानिवृत्ति परिलाभों को अनिश्चितकाल तक के लिए नहीं रोका जा सकते है. कांस्टेबल उदय वीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को कुछ अहम मुद्दों पर फैसले सुनाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा आरओ और एआरओ को लेकर फैसला सुनाया. वहीं एक दूसरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल द्वारा ग्रेच्युटी, जीपीएफ और पेंशन याचिका पर सुनवाई की.

आरओ, एआरओ परीक्षा पर फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित आरओ, एआरओ परीक्षा में गैर 'ओ' लेवल कंप्यूटर सर्टिफिकेट-धारक अभ्यर्थियों को राहत दी है. शैलेश मिश्र व 12 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह फैसला सुनाया. फैसले में कहा गया कि याची गण यदि परीक्षा में सफल होते हैं तो उनका स्पेशल टाइप टेस्ट लिया जाए और इस क्रम में उनको नियुक्ति दी जाती है तो उनकी नियुक्तियां इस याचिका के निर्णय के अधीन रहेगी.

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कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल के मामले में फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल को उसकी ग्रेच्युटी, जीपीएफ और पेंशन आदि सभी परिलाभों का भुगतान करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि याची के खिलाफ लंबित मुकदमे में उसे सजा होती है तो विभाग को उससे वसूली करने की छूट होगी. याची के खिलाफ दर्ज मुकदमे का रिकॉर्ड लंबे समय से लापता है. जिसकी वजह से उसके मुकदमे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा निस्तारित नहीं होने के आधार पर याची के सेवानिवृत्ति परिलाभों को अनिश्चितकाल तक के लिए नहीं रोका जा सकते है. कांस्टेबल उदय वीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने दिया है.

[18/01, 17:58] Krishna Ji Shukla: प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित आर ओ , ए आर ओ  परीक्षा में गैर ओ लेवल कंप्यूटर सर्टिफिकेट धारक अभ्यर्थियों को राहत देते हुए कहा है कि याची गण यदि परीक्षा में सफल होते हैं तो उनका स्पेशल टाइंग टेस्ट लिया जाए और इस क्रम में यह उनको नियुक्ति दी जाती है तो उनकी नियुक्तियां इस याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगी।
 शैलेश मिश्र व 12 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने दिया है। याचीगण का कहना था के आर ओ, ए आर ओ परीक्षा में कंप्यूटर में सर्टिफिकेट या ओ लेवल सर्टिफिकेट की अहर्ता है जबकि आयोग सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था से प्राप्त ओ लेवल प्रमाण पत्र को ही मान्यता दे रहा है ऐसा करना उचित नहीं है कोर्ट ने इस मामले में लोक सेवा आयोग को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है तथा कहा है कि याची गण यदि परीक्षा में सफल होते हैं तो उनका स्पेशल टेस्ट कराया जाए और यदि नियुक्ति दी जाती है तो वह इस याचिका के निर्णय की विषय वस्तु होगा।
[18/01, 17:58] Krishna Ji Shukla: प्रयागराज।  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर से जूझ रहे सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल को उसकी ग्रेच्युटी ,जीपीएफ और पेंशन आदि सभी परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है कोर्ट ने कहा है कि यदि याची के खिलाफ लंबित मुकदमे में उसे सजा होती है तो विभाग को उससे वसूली करने की छूट होगी। याची के खिलाफ दर्ज मुकदमे का रिकॉर्ड लंबे समय से लापता है जिसकी वजह से उसके मुकदमे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है ।कोर्ट ने कहा कि मुकदमा निस्तारित ना होने के आधार पर याची के सेवानिवृत्ति परिलाभों को अनिश्चितकाल तक के लिए नहीं रोके जा सकते हैं। 
कांस्टेबल उदय वीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने दिया है। याची के अधिवक्ता बीएन सिंह का कहना था कि याची को पुलिस अभिरक्षा में अभियुक्तों के फरार हो जाने के कारण उसके खिलाफ हरी पर्वत थाने में मुकदमा दर्ज कराया था याची के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी हुई और उसे सेंसर एंट्री दी गई । इस दौरान मुकदमे में चार्जशीट दाखिल कर दी गई मगर उस पर कोई फैसला होने से पहले यह याची सेवानिवृत्त हो गया मुकदमे की सुनवाई लंबित है और उसके रिकॉर्ड नहीं मिल रहे हैं इसके बावजूद विभाग याची के सेवानिवृत्ति परिलाभ  ग्रेच्युटी , पेंशन और फंड आदि का भुगतान नहीं कर रहा है कोर्ट ने इस मामले में सरकारी वकील से जवाब मांगा था जिस पर उन्होंने बताया कि याची के खिलाफ दर्ज मुकदमे में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। मगर  याची का कहना था कि 2005 में चार्जशीट दाखिल होने के बाद से उसे ना तो कोई सम्मान मिला है और ना ही किसी प्रकार का नोटिस प्राप्त हुआ है याची कैंसर से जूझ रहा है और भुगतान रोके जाने से उसे इलाज कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट ने याची के सभी सेवानिवृत्ति परिलाभों का तत्काल भुगतान करने का निर्देश दिया है।
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