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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी से बंदरों को जंगल में शिफ्ट करने का दिया निर्देश

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Published : Sep 15, 2021, 10:42 PM IST

वाराणसी से उत्पात मचाने वाले बंदरों को जंगल में शिफ्ट करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि शिफ्टिंग में बंदरों का ख्याल रखा जाए ताकि उन्हें दिक्कत न हो.

वाराणसी से बंदरों को जंगल में शिफ्ट करने का निर्देश
वाराणसी से बंदरों को जंगल में शिफ्ट करने का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी से उत्पात मचाने वाले बंदरों को उपयुक्त जंगल में दो माह के भीतर शिफ्ट करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में याची का कहना था कि खास एरिया के निवासियों और टूरिस्ट को बंदरों से भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत इनको शिफ्ट किया जाए और शिफ्टिंग में बंदरों का ख्याल रखा जाए ताकि उन्हें दिक्कत न हो. कोर्ट ने यह भी कहा कि बंदरों को ऐसे जंगल में भेजा जाए जहां उनके जीवन के लिए जरूरी वनस्पतियां मौजूद हों.

इसे भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने निदेशक राकेश कुमार को नोटिस जारी कर पूछा- आदेश की अवमानना पर उन्हें दंडित क्यों न किया जाए

यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने मां गंगा पक्का महल टस्ट की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि बंदरों से वाराणसी शहर के लोग परेशान हैं, उन्हें जंगल में शिफ्ट किया जाए. सरकारी वकील ने कहा कि जिला वन अधिकारी ने मुख्य वन संरक्षक से अनुमति मांगी है, अनुमति मिलते ही बंदरों को शिफ्ट किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार ने स्वयं एक्शन लिया है और कार्रवाई तीन माह में पूरी की जाए.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी से उत्पात मचाने वाले बंदरों को उपयुक्त जंगल में दो माह के भीतर शिफ्ट करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में याची का कहना था कि खास एरिया के निवासियों और टूरिस्ट को बंदरों से भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. कोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत इनको शिफ्ट किया जाए और शिफ्टिंग में बंदरों का ख्याल रखा जाए ताकि उन्हें दिक्कत न हो. कोर्ट ने यह भी कहा कि बंदरों को ऐसे जंगल में भेजा जाए जहां उनके जीवन के लिए जरूरी वनस्पतियां मौजूद हों.

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यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने मां गंगा पक्का महल टस्ट की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि बंदरों से वाराणसी शहर के लोग परेशान हैं, उन्हें जंगल में शिफ्ट किया जाए. सरकारी वकील ने कहा कि जिला वन अधिकारी ने मुख्य वन संरक्षक से अनुमति मांगी है, अनुमति मिलते ही बंदरों को शिफ्ट किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार ने स्वयं एक्शन लिया है और कार्रवाई तीन माह में पूरी की जाए.

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