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अस्थायी कर्मचारी का आश्रित भी हो सकता है अनुकंपा नियुक्ति का हकदार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्थायी कर्मचारी के पुत्र की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पर जांच के बाद विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अब अस्थायी कर्मचारी का आश्रित भी हो सकता है अनुकंपा नियुक्ति का हकदार हो सकता है .

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Aug 29, 2022, 9:16 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिरसी बांध प्रखंड मिर्जापुर में कार्यरत रहे अस्थायी कर्मचारी के पुत्र की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पर जांच के बाद विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पंवार ने अभय कुमार पांडेय की याचिका पर दिया है.

कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए याची को विस्तृत ब्यौरे के साथ विभाग में प्रत्यावेदन देने का निर्देश भी दिया है. याची के पिता सिरसी बांध प्रखंड में दैनिक कर्मचारी के तौर पर बेलदार पद पर नियुक्त हुए. उनके साथ नियुक्त सभी कर्मचारियों की 2011 में सेवा नियमित कर दी गई. याची के पिता को नियमित नहीं किया गया. सेवाकाल में उनकी 2015 में मौत हो गई.

पढ़ेंः चीफ जस्टिस के लिखित आश्वासन पर वकीलों की हड़ताल 15 दिन के लिए स्थगित

इंटर पास याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी, लेकिन याची के पिता के नियमित कर्मचारी न होने के कारण याची को नियुक्ति नहीं दी गई. कोर्ट ने कहा कि याची के पिता के सभी सहकर्मियों को नियमित कर दिया गया और याची के पिता को नियमित नहीं किया गया. ऐसे में न्याय हित में याची की आश्रित कोटे में नियमानुसार नियुक्ति पर विचार किया जाए.

पढ़ेंः HC ने तथ्य छिपाकर मृतक आश्रित कोटे में प्राप्त की गई नियुक्ति रद्द करने का दिया आदेश

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिरसी बांध प्रखंड मिर्जापुर में कार्यरत रहे अस्थायी कर्मचारी के पुत्र की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पर जांच के बाद विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पंवार ने अभय कुमार पांडेय की याचिका पर दिया है.

कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए याची को विस्तृत ब्यौरे के साथ विभाग में प्रत्यावेदन देने का निर्देश भी दिया है. याची के पिता सिरसी बांध प्रखंड में दैनिक कर्मचारी के तौर पर बेलदार पद पर नियुक्त हुए. उनके साथ नियुक्त सभी कर्मचारियों की 2011 में सेवा नियमित कर दी गई. याची के पिता को नियमित नहीं किया गया. सेवाकाल में उनकी 2015 में मौत हो गई.

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इंटर पास याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी, लेकिन याची के पिता के नियमित कर्मचारी न होने के कारण याची को नियुक्ति नहीं दी गई. कोर्ट ने कहा कि याची के पिता के सभी सहकर्मियों को नियमित कर दिया गया और याची के पिता को नियमित नहीं किया गया. ऐसे में न्याय हित में याची की आश्रित कोटे में नियमानुसार नियुक्ति पर विचार किया जाए.

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