प्रयागराज: भदोही की औराई तहसील के लस्मादा ग्राम सभा में धनराशि का दुरुपयोग कर बिल्डिंग बनाए जाने के मामले में संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है. इस आशय की जानकारी प्रमुख सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने हाईकोर्ट में स्वयं उपस्थित होकर दी. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिलाधिकारी भदोही ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी है.
लव कुश चौबे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर लस्मान्दा के ग्राम प्रधान पर धन राशि का दुरुपयोग कर नया पंचायत भवन बनाने का आरोप लगाया है जबकि वहां पर पहले से पुराना पंचायत भवन ठीक-ठाक हालत में मौजूद है.
इससे पूर्व की सुनवाई में जब हाईकोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता से इस मामले की जानकारी मांगी तो उन्होंने जानकारी उपलब्ध कराने के लिए समय दिए जाने की मांग की. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार को याचिका की प्रति 26 सितंबर को ही उपलब्ध करा दी गई थी इसके बावजूद इस मामले में अभी तक जानकारी नहीं दी गई. पंचायती राज विभाग द्वारा अन्य मामलों में भी समय पर अदालत में जानकारी ना उपलब्ध कराने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने प्रमुख सचिव पंचायती राज को 2 नवंबर को तलब किया था.
दो नवंबर को प्रमुख सचिव पंचायती राज स्वयं नहीं उपस्थित हो सके और उनकी ओर से हाजिरी माफी की अर्जी प्रस्तुत की गई. साथ ही जिलाधिकारी की ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि जिला अधिकारी ने इस मामले में संबंधित ग्राम प्रधान, जूनियर इंजीनियर ग्रामीण अभियंत्रण इकाई, पंचायत सचिव और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है.
प्रमुख सचिव पंचायती राज की हाजिरी माफी की अर्जी स्वीकार करते हुए कोर्ट ने उनको पुनः 17 नवंबर को हाजिर होने का आदेश दिया था. इस आदेश के अनुपालन में प्रमुख सचिव 17 नवंबर को हाजिर हुए उन्होंने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं जांच अपने तार्किक नतीजे पर पहुंचना चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने याचिका निस्तारित कर दी.
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