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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला, जेपी एसोसिएट को 100 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश

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Published : Oct 6, 2022, 11:01 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जेपी एसोसिएट्स को 100 करोड़ों रुपये का अग्रिम भुगतान करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि अग्रिम भुगतान होने पर ही यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी प्रस्ताव पर विचार करेगी.

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Allahabad High Court

प्रयागराजः नोएडा में स्पोर्ट सिटी प्लॉट आवंटन रद्द करने तथा क्रेताओं को उनकी रकम वापस करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जेपी एसोसिएट्स को 100 करोड़ों रुपए का अग्रिम भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह शर्त जेपी एसोसिएट के सामने तक रखी जब उनकी ओर से यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी और क्रेताओं की रकम वापस करने के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की गई.

जेपी एसोसिएट्स की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने सुनवाई की. जेपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कोर्ट से कहा कि जेपी एसोसिएट्स नोएडा एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी और होमबायर्स की देनदारी चुकता करने तथा प्रोजेक्ट फिर से शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की इजाजत चाहता है. प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए 1 माह का समय दिए जाने का कोर्ट से अनुरोध किया गया.

इस दौरान अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि जेपी एसोसिएट के किसी भी प्रस्ताव पर यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी तभी विचार करें जब वह 100 करोड़ों रुपए अग्रिम भुगतान के तौर पर अथॉरिटी के समक्ष जमा करें. इस पर जेपी एसोसिएट के वकील का कहना था कि उन्हें 100 करोड़ों रुपए जमा करने के लिए 1 माह का समय दिया जाए. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए जेपी एसोसिएट्स को 1 माह के भीतर यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी को 100 करोड़ों रुपए का अग्रिम भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने प्रस्ताव प्रस्तुत करने का समय देते हुए याचिका पर सुनवाई के लिए 9 नवंबर की तारीख नियत की है.

ये भी पढ़ेः सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एडीए के हर नए नोटिस से ताजनगरी में बढ़ रहीं 30 हजार लोगों की धड़कनें

प्रयागराजः नोएडा में स्पोर्ट सिटी प्लॉट आवंटन रद्द करने तथा क्रेताओं को उनकी रकम वापस करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जेपी एसोसिएट्स को 100 करोड़ों रुपए का अग्रिम भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह शर्त जेपी एसोसिएट के सामने तक रखी जब उनकी ओर से यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी और क्रेताओं की रकम वापस करने के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की गई.

जेपी एसोसिएट्स की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने सुनवाई की. जेपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कोर्ट से कहा कि जेपी एसोसिएट्स नोएडा एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी और होमबायर्स की देनदारी चुकता करने तथा प्रोजेक्ट फिर से शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की इजाजत चाहता है. प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए 1 माह का समय दिए जाने का कोर्ट से अनुरोध किया गया.

इस दौरान अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि जेपी एसोसिएट के किसी भी प्रस्ताव पर यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी तभी विचार करें जब वह 100 करोड़ों रुपए अग्रिम भुगतान के तौर पर अथॉरिटी के समक्ष जमा करें. इस पर जेपी एसोसिएट के वकील का कहना था कि उन्हें 100 करोड़ों रुपए जमा करने के लिए 1 माह का समय दिया जाए. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए जेपी एसोसिएट्स को 1 माह के भीतर यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी को 100 करोड़ों रुपए का अग्रिम भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने प्रस्ताव प्रस्तुत करने का समय देते हुए याचिका पर सुनवाई के लिए 9 नवंबर की तारीख नियत की है.

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