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आबकारी विभाग कांस्टेबल भर्ती! 143 चयनित महिला अभ्यर्थियों में से 81 को हरी झंडी

प्रयागराज के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आबकारी कांस्टेबल भर्ती में महिला कोटे में चयनित 143 अभ्यर्थियों में से केवल 81 की ही नियुक्ति की छूट दी है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jun 19, 2022, 10:49 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आबकारी कांस्टेबल भर्ती में महिला कोटे में चयनित 143 अभ्यर्थियों में से केवल 81 की ही नियुक्ति की छूट दी है. शेष चयनितों को दाखिल याचिका पर राज्य सरकार और उप्र अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 18 जुलाई को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने प्रमोद कुमार सिंह और पांच अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका में बोर्ड के सचिव/अध्यक्ष द्वारा 15 मार्च को जारी चयन परिणाम की वैधता को चुनौती दी गई है.

याची का कहना है कि 405 आबकारी कांस्टेबल की भर्ती निकाली गई, जिसमें महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है, जो बिना आरक्षण दावा किए मेरिट से चुनी गई है. उन महिलाओं को भी चयनित किया गया है. उन्हें महिला के लिए आरक्षित पदों में शामिल किया गया है. याची का कहना है कि चयनित महिला अभ्यर्थियों की कुल संख्या 81 से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसलिए 143 महिलाओं का चयन अवैधानिक है.

यह भी पढ़ें- इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने वाली दो छात्राओं ने की आत्महत्या की कोशिश

वहीं, सरकारी और बोर्ड के अधिवक्ता कोई नियम नहीं बता सके कि महिला आरक्षण क्षैतिज नहीं है और 81 से अधिक महिलाओं का चयन नहीं किया गया है. कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय माना और विपक्षी संख्या 4 से 12 को नोटिस जारी कर सभी विपक्षियों से जवाब मांगा है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आबकारी कांस्टेबल भर्ती में महिला कोटे में चयनित 143 अभ्यर्थियों में से केवल 81 की ही नियुक्ति की छूट दी है. शेष चयनितों को दाखिल याचिका पर राज्य सरकार और उप्र अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 18 जुलाई को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने प्रमोद कुमार सिंह और पांच अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका में बोर्ड के सचिव/अध्यक्ष द्वारा 15 मार्च को जारी चयन परिणाम की वैधता को चुनौती दी गई है.

याची का कहना है कि 405 आबकारी कांस्टेबल की भर्ती निकाली गई, जिसमें महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है, जो बिना आरक्षण दावा किए मेरिट से चुनी गई है. उन महिलाओं को भी चयनित किया गया है. उन्हें महिला के लिए आरक्षित पदों में शामिल किया गया है. याची का कहना है कि चयनित महिला अभ्यर्थियों की कुल संख्या 81 से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसलिए 143 महिलाओं का चयन अवैधानिक है.

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वहीं, सरकारी और बोर्ड के अधिवक्ता कोई नियम नहीं बता सके कि महिला आरक्षण क्षैतिज नहीं है और 81 से अधिक महिलाओं का चयन नहीं किया गया है. कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय माना और विपक्षी संख्या 4 से 12 को नोटिस जारी कर सभी विपक्षियों से जवाब मांगा है.

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