प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठी चार्ज की घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है.कोर्ट ने इस मामले की जांच कर रही एसआईटी को भी निर्देश दिया है कि वह वकीलों की ओर से दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिक में अब तक की गई जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत करें. बार काउंसिल की ओर से इस मामले में विशेष आवेदन करते हुए प्रकरण की तत्काल सुनवाई किए जाने का न्यायालय से अनुरोध किया गया था. जिस पर शनिवार को अवकाश के दिन मुख्य न्याय मूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्याय मूर्ति एमसी त्रिपाठी की खंडपीठ ने बार काउंसिल के आवेदन पर सुनवाई की.
कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट भी सरकार से मांगी जाएः बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी कहना था कि हापुड़ की घटना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेकर कई आदेश पारित किए थे. जिसमें इस बात पर भी बल दिया गया था कि एक उच्च स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी का गठन किया जाना चाहिए. इस क्रम में बार कॉउंसिल ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि उच्च स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी का गठन किया जाए. साथ ही हाई कोर्ट के निर्देश के बाद वकीलों की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी पर की गई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट भी सरकार से मांगी जाए.
बार काउंसिल ने शिकायत निवारण कमेटी का गठन की मांग कीः कोर्ट में सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ,उपाध्यक्ष अनुराग पांडे सदस्य सचिव जयनारायण पांडे तथा सदस्य मधुसूदन पांडे के अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, महासचिव नितिन शर्मा व अन्य बार पदाधिकारीकरण मौजूद थे. कोर्ट द्वारा इस मामले में लिए स्वत संज्ञान के बाद गठित जजों की विशेष कमेटी के समक्ष उन्होंने प्रत्यावेदन दिया था, जिसमें कई शिकायते की गई थी. उन शिकायतों पर संज्ञान लेने के लिए एक शिकायत निवारण कमेटी का गठन की मांग की गई. इस पर कोर्ट ने कमेटी गठित करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति रंजन राय , न्यायमूर्ति फैज आलम खां के अलावा महाधिवक्ता, बार काउंसिल के अध्यक्ष व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को इस कमेटी का सदस्य मनोनीत किया है.
हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया थाः उल्लेखनीय है कि गत दिनों हापुड़ घटना को लेकर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर प्रदेश के सभी अधिवक्ता संगठनों ने हड़ताल कर दी थी. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेकर हड़ताल वापस लेने का निर्देश दिया था. साथ ही राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी में एक सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी को शामिल करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के आदेश के बाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने हड़ताल वापस ले ली थी.
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हड़ताल के बाद की स्थिति की होगी समीक्षाः उधर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय कुमार मिश्र ने बताया कि हड़ताल खत्म करने के निर्णय के बाद उत्पन्न हुई स्थिति की बार एसोसिएशन समीक्षा करेगा तथा इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
बार काउंसिल ने वापस ली हड़ताल: शनिवार को हाई कोर्ट द्वारा 6 सदस्यीय शिकायत निवारण कमेटी गठित करने के बाद बार काउंसिल ने एक बैठक कर हड़ताल के मुद्दे पर बैठक बुलाई. जिसमें सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि हड़ताल से वादकारियो को हो रही परेशानी के मद्देनजर हड़ताल का निर्णय वापस लिया जाए, मगर अधिवक्ता आंदोलन जारी रखेंगे. यदि सरकार वकीलों की मांगे नहीं मानती है तो 20 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे. वहीं, कोर्ट ने एसआईटी से 15 सितंबर का स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.
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