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हाईकोर्ट ने अधिवक्ता चैंबर से व्यवसायिक दर पर बिजली बिल वसूलने का आदेश किया रद - नोएडा बार एसोसिएशन

हाईकोर्ट ने अधिवक्ता चेंबर से व्यवसायिक दर पर बिजली का बिल वसूलने का आदेश रद किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिवक्ताओं का चेंबर व्यवसायिक गतिविधि का केंद्र नहीं है. इसलिए उनसे व्यवसाई दर पर बिजली बिल की वसूली नहीं की जा सकती है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Aug 5, 2023, 10:17 PM IST

प्रयागराज: हाईकोर्ट ने अधिवक्ता चैंबर से व्यवसायिक दर पर बिजली का बिल वसूलने का आदेश रद किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिवक्ताओं का चैंबर व्यवसायिक गतिविधि का केंद्र नहीं है इसलिए उनसे व्यवसाई दर पर बिजली बिल की वसूली नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि वकीलों के ऑफिस या चैंबर से सिर्फ घरेलू दर पर ही बिजली के बिल की वसूली की जा सकती है, क्योंकि वकील कोई व्यापारिक लेन-देन या गतिविधि नहीं करते हैं.

अदालत का कहना था कि बिजली विभाग एक ही राज्य में वकीलों के चेंबर से बिजली बिल की वसूली में भेदभाव नहीं कर सकता है. जहां की बिजली की दर एक ही विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय की गई है. तहसील बार एसोसिएशन गांधी नगर गाजियाबाद की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने दिया है. बार एसोसिएशन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि गांधी नगर गाजियाबाद तहसील परिसर में वकीलों को चेंबर एलॉट किया गया है. जहां पर बिजली का कनेक्शन एलएमवी वन जो कि घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जाता है, दिया गया है. लेकिन, बिजली विभाग ने उन पर व्यवसायिक दर से ली जाने वाली एलएलबी 2 टैरिफ लागू कर दी है.इस संबंध में बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिस पर कोर्ट ने बिजली विभाग को उनका प्रत्यावेदन निस्तारित करने के लिए कहा था.

इसे भी पढ़े-यूपी में खाद्य विभाग की राशन दुकानें बनेंगी हाईटेक फूड मॉडल शॉप, कोटे भी होंगे स्थाई

वरिष्ठ अधिवक्ता का तर्क था कि प्रोफेशनल, डॉक्टर, वकील चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंजीनियर आदि के चेंबर गैर व्यवसायिक श्रेणी में आते हैं और उनसे घरेलू दर पर ही बिजली का बिल वसूलने का नियम है. लेकिन, बिजली विभाग ने उनका प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया की यह छूट 50 स्क्वायर मीटर में बने ऑफिस या चेंबर पर ही लागू होती है. अदालत परिसर में बने चेंबर के संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. इसलिए उनसे व्यवसायिक दर पर ही बिजली का बिल वसूला जाएगा. इसके जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता की दलील थी कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, की अधिवक्ता चेंबर से घरेलू दर पर ही बिजली की वसूली की जाएगी. नोएडा बार एसोसिएशन में आवंटित चेंबर से घरेलू दर पर ही बिजली का बिल लिया जाता है. इसलिए एक ही राज्य में 2 नियम नहीं लागू किए जा सकते हैं.

इस पर कोर्ट ने कहा कि अधिवक्ता का चेंबर व्यवसायिक गतिविधि का केंद्र नहीं है. लिहाजा उन पर एलएलबी 2 का टैरिफ लागू करना अनुचित है. कोर्ट ने बिजली विभाग को अधिवक्ता चेंबर से घरेलू दर पर ही बिजली का बिल वसूल करने का निर्देश दिया है.

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प्रयागराज: हाईकोर्ट ने अधिवक्ता चैंबर से व्यवसायिक दर पर बिजली का बिल वसूलने का आदेश रद किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिवक्ताओं का चैंबर व्यवसायिक गतिविधि का केंद्र नहीं है इसलिए उनसे व्यवसाई दर पर बिजली बिल की वसूली नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि वकीलों के ऑफिस या चैंबर से सिर्फ घरेलू दर पर ही बिजली के बिल की वसूली की जा सकती है, क्योंकि वकील कोई व्यापारिक लेन-देन या गतिविधि नहीं करते हैं.

अदालत का कहना था कि बिजली विभाग एक ही राज्य में वकीलों के चेंबर से बिजली बिल की वसूली में भेदभाव नहीं कर सकता है. जहां की बिजली की दर एक ही विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय की गई है. तहसील बार एसोसिएशन गांधी नगर गाजियाबाद की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने दिया है. बार एसोसिएशन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि गांधी नगर गाजियाबाद तहसील परिसर में वकीलों को चेंबर एलॉट किया गया है. जहां पर बिजली का कनेक्शन एलएमवी वन जो कि घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जाता है, दिया गया है. लेकिन, बिजली विभाग ने उन पर व्यवसायिक दर से ली जाने वाली एलएलबी 2 टैरिफ लागू कर दी है.इस संबंध में बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिस पर कोर्ट ने बिजली विभाग को उनका प्रत्यावेदन निस्तारित करने के लिए कहा था.

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वरिष्ठ अधिवक्ता का तर्क था कि प्रोफेशनल, डॉक्टर, वकील चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंजीनियर आदि के चेंबर गैर व्यवसायिक श्रेणी में आते हैं और उनसे घरेलू दर पर ही बिजली का बिल वसूलने का नियम है. लेकिन, बिजली विभाग ने उनका प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया की यह छूट 50 स्क्वायर मीटर में बने ऑफिस या चेंबर पर ही लागू होती है. अदालत परिसर में बने चेंबर के संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. इसलिए उनसे व्यवसायिक दर पर ही बिजली का बिल वसूला जाएगा. इसके जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता की दलील थी कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, की अधिवक्ता चेंबर से घरेलू दर पर ही बिजली की वसूली की जाएगी. नोएडा बार एसोसिएशन में आवंटित चेंबर से घरेलू दर पर ही बिजली का बिल लिया जाता है. इसलिए एक ही राज्य में 2 नियम नहीं लागू किए जा सकते हैं.

इस पर कोर्ट ने कहा कि अधिवक्ता का चेंबर व्यवसायिक गतिविधि का केंद्र नहीं है. लिहाजा उन पर एलएलबी 2 का टैरिफ लागू करना अनुचित है. कोर्ट ने बिजली विभाग को अधिवक्ता चेंबर से घरेलू दर पर ही बिजली का बिल वसूल करने का निर्देश दिया है.

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