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घर से भाग कर शादी रचाने के मामले में HC का बड़ा फैसला, बच्चे को मां-बाप से दूर रखना होगा कठोर निर्णय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट मामले में आरोपी को जमानत दी. कहा कि अपराध कानून को गणित की तरह लागू नहीं किया जा सकता. कानून का इस्तेमाल सार्थक और बेहतरी के लिए होना चाहिए.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Feb 17, 2022, 8:15 PM IST

प्रयागराज: नाबालिग लड़के व लड़की के घर से भगने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने खागा फतेहपुर के अतुल मिश्र की जमानत अर्जी को विशेष स्थिति में स्वीकार करते हुए कहा कि स्कूल में साथ पढ़ने वाले नाबालिगों ने घर से भाग कर शादी रचाई. अब उन्हें एक बच्चा है. बच्चे को माता-पिता के प्यार से दूर रखना कठोर निर्णय होगा. साथ ही कोर्ट ने राजकीय बाल कल्याण गृह (बालिका) खुल्दाबाद, प्रयागराज की इंचार्ज को बच्चे सहित पीड़िता को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि अपराध कानून को गणित की तरह लागू नहीं किया जा सकता. कानून का इस्तेमाल सार्थक व बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कठोर पाक्सो कानून नाबालिग लड़की को यौनाचार के अपराध से संरक्षण देने के लिए जरूरी है. अपराध भले ही गंभीर है किन्तु इसे सार्थक ढंग से लागू किया जाना चाहिए. गैर जिम्मेदाराना रवैए से इसे लागू किया गया, तो पीड़िता को अपूरणीय क्षति हो सकती है.


ये है पूरा मामला

17 नवंबर 2019 को खागा थाने में एक पिता ने नाबालिग लड़की के स्कूल से लापता होने की एफआइआर कराई थी. वह स्कूल से छह नवबर से घर नहीं लौटी थी. अपहरण करने का आरोप लगाया लेकिन पुलिस सोती रही. फिर दो साल बाद पिता का बयान लिया गया. बयान में पिता ने कहा कि अब लापता बेटी के बारे में पता चल गया है. उनके जीवन में दखल नहीं देना चाहते. पुलिस से केस बंद करने के लिए कहा. इसके बाद पुलिस ने दो मार्च 2021 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी.

यह भी पढ़ें- न्यायिक या विभागीय कार्यवाही लंबित नहीं तो पेंशन रोकने का अधिकार नहीं : हाईकोर्ट

पुलिस ने डाला फिर खलल

चार अक्टूबर 2021 को पिता की सूचना पर पुलिस ने दोनों को चार माह के बच्चे के साथ गिरफ्तार कर लिया. पति को जेल भेज दिया. जबकि पीड़िता के माता-पिता के साथ जाने से मना करने पर उसे बाल गृह में रखा गया.

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प्रयागराज: नाबालिग लड़के व लड़की के घर से भगने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने खागा फतेहपुर के अतुल मिश्र की जमानत अर्जी को विशेष स्थिति में स्वीकार करते हुए कहा कि स्कूल में साथ पढ़ने वाले नाबालिगों ने घर से भाग कर शादी रचाई. अब उन्हें एक बच्चा है. बच्चे को माता-पिता के प्यार से दूर रखना कठोर निर्णय होगा. साथ ही कोर्ट ने राजकीय बाल कल्याण गृह (बालिका) खुल्दाबाद, प्रयागराज की इंचार्ज को बच्चे सहित पीड़िता को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि अपराध कानून को गणित की तरह लागू नहीं किया जा सकता. कानून का इस्तेमाल सार्थक व बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कठोर पाक्सो कानून नाबालिग लड़की को यौनाचार के अपराध से संरक्षण देने के लिए जरूरी है. अपराध भले ही गंभीर है किन्तु इसे सार्थक ढंग से लागू किया जाना चाहिए. गैर जिम्मेदाराना रवैए से इसे लागू किया गया, तो पीड़िता को अपूरणीय क्षति हो सकती है.


ये है पूरा मामला

17 नवंबर 2019 को खागा थाने में एक पिता ने नाबालिग लड़की के स्कूल से लापता होने की एफआइआर कराई थी. वह स्कूल से छह नवबर से घर नहीं लौटी थी. अपहरण करने का आरोप लगाया लेकिन पुलिस सोती रही. फिर दो साल बाद पिता का बयान लिया गया. बयान में पिता ने कहा कि अब लापता बेटी के बारे में पता चल गया है. उनके जीवन में दखल नहीं देना चाहते. पुलिस से केस बंद करने के लिए कहा. इसके बाद पुलिस ने दो मार्च 2021 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी.

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पुलिस ने डाला फिर खलल

चार अक्टूबर 2021 को पिता की सूचना पर पुलिस ने दोनों को चार माह के बच्चे के साथ गिरफ्तार कर लिया. पति को जेल भेज दिया. जबकि पीड़िता के माता-पिता के साथ जाने से मना करने पर उसे बाल गृह में रखा गया.

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