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हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा, कैसे हटाएंगे सरकारी जमीन से अतिक्रमण

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को हटाने की कोई कार्रवाई न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही मुख्य सचिव से पूछा है कि कैसे और किस तरीके से लोक संपत्तियों से अतिक्रमण हटाएंगे.

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Published : Jan 8, 2021, 10:40 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक सरकारी जमीनों पर बने अवैध पूजा स्थलों को हटाने की कोई कार्रवाई न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही मुख्य सचिव से पूछा है कि कैसे और किस तरीके से लोक संपत्तियों से अतिक्रमण हटाएंगे. कोर्ट ने मुख्य सचिव को 12 जनवरी को पूरी जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

कोरोना संक्रमण व पार्किंग व्यवस्था को लेकर कायम जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बने पूजा स्थलों को हटाने के निर्देश पर कोई प्रगति नहीं की. राज्य सरकार नहीं बता पा रही कि क्या किया जाय. पीडीए ही बताए कि इस संबंध में किसे आदेश दिया जाय. कोर्ट ने दोनों के रवैये पर नाखुशी जाहिर की और मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है.

प्रयागराज माघ मेले की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्य सचिव व मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि कम से कम पांच दिन तक की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के साथ आने वाले ही मेले में प्रवेश पा सकेंगे. प्रयागराज शहर के बारे में कोई योजना नहीं दी. कोर्ट ने कहा कि यदि एक भी कोरोना संक्रमित शहर में आया तो पूरे मेले में संक्रमण फैलते में देर नहीं लगेगी.

कोर्ट ने सरकार की योजना को संतोषजनक नहीं माना और संक्रमण को पूरी तरह से नियंत्रित करने की योजना पेश करने का मुख्य सचिव को निर्देश दिया है. प्रयागराज में ब्वायज हाईस्कूल की सड़क पटरी को वेन्डिंग जोन बनाने पर लोगों की इकट्ठा होने वाली भीड़ और आए दिन घटित हो रहीं अप्रिय घटनाओं को लेकर दाखिल अर्जी पर कोर्ट ने नगर निगम से जानकारी मांगी है.

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के लिए दूसरा गेट बनाने के मुद्दे पर कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से हलफनामा मांगा है कि गेट का निर्माण पूरा हुआ या नहीं. यदि निर्माण पूरा नहीं हो सका है तो प्रोजेक्ट मैनेजर हाजिर होकर बताएं कि उनके खिलाफ आदेश की अवहेलना करने की कार्यवाही क्यों न की जाय.

कोर्ट ने केन्द्र सरकार के अधिवक्ता से कोरोना वैक्सीन लगाने की योजना की पूरी जानकारी मांगी है. कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित तालाब की बहाली मामले में नगर आयुक्त और पीडीए के जोनल अधिकारी को तलब किया है. पूछा है कि कोर्ट की डिक्री का पालन किया गया कि नहीं. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि भविष्य में तालाब भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण न होने दिया जाय. तालाब बहाल किया जाय और इसे राजस्व अभिलेखों में तालाब दर्ज किया जाय.

कोर्ट ने सिविल लाइन्स में पार्किंग स्थल बहाली पर रिपोर्ट मांगी है. साथ ही पीडीए कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 12 जनवरी को होगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक सरकारी जमीनों पर बने अवैध पूजा स्थलों को हटाने की कोई कार्रवाई न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही मुख्य सचिव से पूछा है कि कैसे और किस तरीके से लोक संपत्तियों से अतिक्रमण हटाएंगे. कोर्ट ने मुख्य सचिव को 12 जनवरी को पूरी जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

कोरोना संक्रमण व पार्किंग व्यवस्था को लेकर कायम जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बने पूजा स्थलों को हटाने के निर्देश पर कोई प्रगति नहीं की. राज्य सरकार नहीं बता पा रही कि क्या किया जाय. पीडीए ही बताए कि इस संबंध में किसे आदेश दिया जाय. कोर्ट ने दोनों के रवैये पर नाखुशी जाहिर की और मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है.

प्रयागराज माघ मेले की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्य सचिव व मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि कम से कम पांच दिन तक की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के साथ आने वाले ही मेले में प्रवेश पा सकेंगे. प्रयागराज शहर के बारे में कोई योजना नहीं दी. कोर्ट ने कहा कि यदि एक भी कोरोना संक्रमित शहर में आया तो पूरे मेले में संक्रमण फैलते में देर नहीं लगेगी.

कोर्ट ने सरकार की योजना को संतोषजनक नहीं माना और संक्रमण को पूरी तरह से नियंत्रित करने की योजना पेश करने का मुख्य सचिव को निर्देश दिया है. प्रयागराज में ब्वायज हाईस्कूल की सड़क पटरी को वेन्डिंग जोन बनाने पर लोगों की इकट्ठा होने वाली भीड़ और आए दिन घटित हो रहीं अप्रिय घटनाओं को लेकर दाखिल अर्जी पर कोर्ट ने नगर निगम से जानकारी मांगी है.

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के लिए दूसरा गेट बनाने के मुद्दे पर कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से हलफनामा मांगा है कि गेट का निर्माण पूरा हुआ या नहीं. यदि निर्माण पूरा नहीं हो सका है तो प्रोजेक्ट मैनेजर हाजिर होकर बताएं कि उनके खिलाफ आदेश की अवहेलना करने की कार्यवाही क्यों न की जाय.

कोर्ट ने केन्द्र सरकार के अधिवक्ता से कोरोना वैक्सीन लगाने की योजना की पूरी जानकारी मांगी है. कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित तालाब की बहाली मामले में नगर आयुक्त और पीडीए के जोनल अधिकारी को तलब किया है. पूछा है कि कोर्ट की डिक्री का पालन किया गया कि नहीं. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि भविष्य में तालाब भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण न होने दिया जाय. तालाब बहाल किया जाय और इसे राजस्व अभिलेखों में तालाब दर्ज किया जाय.

कोर्ट ने सिविल लाइन्स में पार्किंग स्थल बहाली पर रिपोर्ट मांगी है. साथ ही पीडीए कॉलोनी में अवैध अतिक्रमण का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. याचिका की सुनवाई 12 जनवरी को होगी.

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