प्रयागराज: 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित शिक्षा मित्र को 25 अंक का अधिभार नहीं देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने शाहजहांपुर की अनुभा वर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब तलब किया है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि, उसने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में ओबीसी कटेगरी में आवेदन किया था. परिणाम जारी होने पर वह सफल घोषित हुई. उसे 93 अंक मिले और गुणांक 7.8 आया. यदि इसमें 25 अंक का भारांक जोड़ दिया जाए तो उसका गुणांक 85.5 हो जाएगा, जबकि 85 अंक से कम वालों को भी जिला आवंटित किया गया है.
याचिकाकर्ता के मुताबिक, उसने अपने ऑनलाइन आवेदन में बीटीसी पत्राजार के बजाए बीटीसी रेग्लुलर भर दिया था, जबकि उसकी योग्यता बीटीसी पत्राचार की है. इस वजह से उसे भारांक नहीं दिए गए. अधिवक्ता की दलील थी याची परीक्षा में सफल हुई है. आवेदन में गलती मानवीय भूल है. अगर याची ने आवेदन में सही भरा होता तो भी वह सफल ही है. इस स्थिति में वह भारांक पाने की हकदार है.
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार
बेसिक शिक्षा विभाग में 69,000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन की ओर से ऑनलाइन याचिका दाखिल की गई है. याचिका कर्ता गौरव यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार के बनाए नियम और हाईकोर्ट के दो सदस्य खंडपीठ के फैसले को लागू करने के विरोध में स्टे हासिल करने के लिए याचिका दाखिल की गई है.