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पूर्व सांसद उमाकांत यादव के बेटों को कोर्ट में समर्पण करने की छूट - रविकांत यादव

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव के दोनों बेटों रविकांत यादव और दिनेश कांत यादव को 90 दिन में कोर्ट में समर्पण कर जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है. इन दोनों पर गांधी आश्रम पूराहादी अंबारी आजमगढ़ का ताला तोड़कर लूट-पाटकर अवैध कब्जा करने का आरोप है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Feb 25, 2021, 6:44 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव के दोनों बेटों रविकांत यादव और दिनेश कांत यादव को 90 दिन में कोर्ट में समर्पण कर जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है. साथ ही कहा है कि तब तक इनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाय. इन दोनों पर गांधी आश्रम पूराहादी अंबारी आजमगढ़ का ताला तोड़कर लूट-पाटकर अवैध कब्जा करने का आरोप है.

इससे पहले पिता-पुत्रों की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट 3 मार्च 2020 को खारिज कर चुका है. उसके बाद दोनों बेटों ने दोबारा अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी. इस पर कोर्ट ने राहत दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया. हाईकोर्ट ने कहा है कि याचियों की जमानत अर्जी यथाशीघ्र निस्तारित की जाय. यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि याची कोर्ट में हाजिर होकर समर्पण नियत समय में नहीं करते हैं, तो उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जाय. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि समर्पण करने की 90 दिन की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी.

याचियों पर आरोप है कि उन्होंने कई लोगों के साथ विश्व बैंक की सहायता से बने गांधी आश्रम पर लूट-पाटकर कब्जा कर लिया और उसे अपना बता रहे हैं. इसकी एफआईआर फूलपुर थाने में दर्ज कराई गई है. घटना 27 सितंबर 2019 की शाम की है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव के दोनों बेटों रविकांत यादव और दिनेश कांत यादव को 90 दिन में कोर्ट में समर्पण कर जमानत अर्जी दाखिल करने की छूट दी है. साथ ही कहा है कि तब तक इनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाय. इन दोनों पर गांधी आश्रम पूराहादी अंबारी आजमगढ़ का ताला तोड़कर लूट-पाटकर अवैध कब्जा करने का आरोप है.

इससे पहले पिता-पुत्रों की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट 3 मार्च 2020 को खारिज कर चुका है. उसके बाद दोनों बेटों ने दोबारा अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी. इस पर कोर्ट ने राहत दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया. हाईकोर्ट ने कहा है कि याचियों की जमानत अर्जी यथाशीघ्र निस्तारित की जाय. यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि याची कोर्ट में हाजिर होकर समर्पण नियत समय में नहीं करते हैं, तो उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जाय. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि समर्पण करने की 90 दिन की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी.

याचियों पर आरोप है कि उन्होंने कई लोगों के साथ विश्व बैंक की सहायता से बने गांधी आश्रम पर लूट-पाटकर कब्जा कर लिया और उसे अपना बता रहे हैं. इसकी एफआईआर फूलपुर थाने में दर्ज कराई गई है. घटना 27 सितंबर 2019 की शाम की है.

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