प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक सईद अहमद को जमीन देने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी. पूर्व विधायक के खिलाफ प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में शमीम अहमद ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. इस मुकदमे में गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी. बुधवार को अग्रिम जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने सुनवाई की. प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने जमानत अर्जी का विरोध किया.
पूर्व विधायक सईद अहमद की ओर से दलील दी गई की उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं. उनके खिलाफ कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है. मामले के विवेचक ने कोई दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र नहीं किए हैं. साथ ही यह भी कहा गया कि 23 जून 2019 को उसके खिलाफ धारा 406 आईपीसी में चार्जशीट दाखिल की गई. बाद में विवेचक ने एक संपूरक चार्जशीट दाखिल करते हुए धारा 420 आईपीसी भी जोड़ दी जोकि नियमानुसार नहीं है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि याची ने 80 लाख रुपए प्राप्त किए हैं. सभी भुगतान बैंक अकाउंट के जरिए किए गए हैं. जिसका दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध है. याची ने इससे पहले भी प्राथमिकी रद्द कराने के लिए याचिका दाखिल की थी जो खारिज हो गई. उसके विरुद्ध 15 मुकदमों का अपराधिक इतिहास है. इस मामले में धारा 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की की उद्घोषणा जारी हो चुकी है. कोर्ट ने मामले के तथ्यों परिस्थितियों और याची के अपराधिक इतिहास को देखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर कर दी.
मामले के अनुसार सईद अहमद ने शमीम अहमद को यह कहते हुए प्लाट देने का वादा किया था कि वह प्रयागराज सहकारी आवास समिति लिमिटेड का सेक्रेटरी है तथा यदि शमीम अहमद उसको 80 लाख रुपए देता है तो वह जमीन की पैमाइश करवाकर बाउंड्री वाल बनवा देगा तथा जमीन का बैनामा करा देगा. इस वादे के अनुरूप शमीम और उसके लड़कों ने शहीद अहमद को 80 लाख रुपए कई किस्तों में अदा किए. लेकिन उसने ना तो जमीन की पैमाइश करवाई, ना जमीन का बैनामा करवाया और ना ही शमीम के रुपए लौटाए. इससे आहत शमीम अहमद को हार्ट अटैक आ गया. वादे से मुकरने के कारण शमीम अहमद ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया.
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