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श्रमिक अधिकारों में बदलाव पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को जारी किया नोटिस - योगी सरकार को हाइकोर्ट का नोटिस

उत्तर प्रदेश के श्रमिक अधिकारों को निलंबित करने के लिए सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जिस पर हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिका पर सुनवाई अब 18 मई को होगी.

allahabad high court
याचिका पर सुनवाई अब 18 मई को होगी
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Published : May 14, 2020, 7:22 PM IST

प्रयागराज: राज्य सरकार ने फैक्ट्री कानून में श्रमिकों के अधिकार में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन किया है और इस अध्यादेश को अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति को भेजा है. साथ ही श्रम विभाग ने श्रमिक अधिकारों को निलंबित करने की अधिसूचना जारी कर दी है. इस कानून से फैक्ट्री मालिकों को मजदूरों से 12 घंटे काम लेने की अनुमति मिल गई है. अभी तक 8 घंटे और अधिकतम 10 घंटे काम लेने की छूट थी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट इस अधिसूचना के खिलाफ अधिवक्ता प्रांजल शुक्ल और विनायक मित्तल ने जनहित याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि यह श्रमिकों के जीवन के मूल अधिकारों एवं श्रम कानूनों का उल्लंघन है. इससे अधिक मुनाफे के लिए श्रमिकों का शोषण किया जायेगा और उनकी नौकरी की गारंटी नहीं होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने यूपी वर्कर्स फ्रंट की जनहित याचिका पर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि 18 मई को याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंन्सिंग के जरिए सुनवाई होगी.

प्रयागराज: राज्य सरकार ने फैक्ट्री कानून में श्रमिकों के अधिकार में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन किया है और इस अध्यादेश को अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति को भेजा है. साथ ही श्रम विभाग ने श्रमिक अधिकारों को निलंबित करने की अधिसूचना जारी कर दी है. इस कानून से फैक्ट्री मालिकों को मजदूरों से 12 घंटे काम लेने की अनुमति मिल गई है. अभी तक 8 घंटे और अधिकतम 10 घंटे काम लेने की छूट थी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट इस अधिसूचना के खिलाफ अधिवक्ता प्रांजल शुक्ल और विनायक मित्तल ने जनहित याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि यह श्रमिकों के जीवन के मूल अधिकारों एवं श्रम कानूनों का उल्लंघन है. इससे अधिक मुनाफे के लिए श्रमिकों का शोषण किया जायेगा और उनकी नौकरी की गारंटी नहीं होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने यूपी वर्कर्स फ्रंट की जनहित याचिका पर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि 18 मई को याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंन्सिंग के जरिए सुनवाई होगी.

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