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विश्वविद्यालय के छात्रों का अनोखा बैंक, महिलाओं को मिल रहा मुफ्त सेनेटरी पैड - allahabad university students open pad bank

प्रयागराज के अलोपी मंदिर के पास इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के पांच छात्रों के एक समूह ने सेनिटरी पैड बैंक (sanitary pad bank) खोला है. इस पैडबैंक का उद्देश्य महिलाओं में माहावारी के दौरान हाइजीन को लेकर जागरुकता फैलाना है. बीते 7 महीने में अब तक 300 से ज्यादा महिलाओं ने इसमें अपना अकाउंट खुलवाया है.

स्पेशल रिपोर्ट
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Published : Jul 26, 2021, 10:21 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के कुछ छात्रों ने मिलकर एक अनोखी मुहिम शुरू की है. महिलाओं में माहवारी के समय जागरुकता फैलाने और हाइजीन को लेकर विश्वविद्यालय के 5 छात्रों के एक समूह ने शहर में सेनिटरी पैड बैंक (sanitary pad bank) खोला है. जो पिछले 7 महीनों से अलोपी देवी मंदिर के पास स्थापित है. छात्र अभिषेक शुक्ला इस बैंक के संस्थापक हैं औैर अपने चार दोस्तों के साथ इस पैड बैंक को संचालित कर रहे हैं.


महीने के वो पांच दिन, उन गरीब लड़कियों के लिए भी सहूलियत भरे हों, इस उद्देश्य से प्रयागराज के छात्र अभिषेक शुक्ला ने सेनिटरी पैड बैंक की शुरुआत की है. ये सेनिटरी पैड बैंक शहर के अलोपीबाग चुंगी के पास स्थापित है. बैंक के संस्थापक अभिषेक का कहना है कि वह पिछले कई सालों से गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाते हैं और उसी दौरान उनके जहन में यह बात आई की कुछ बच्चे माहवारी के चलते पढ़ने के लिए नहीं आ पाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 1 जनवरी से इस बैंक की स्थापना की.

स्पेशल रिपोर्ट



इस अनोखे बैंक में हर महीने गरीब महिलाओं को एक बार सेनिटरी पैड का पैकेट मुफ्त में दिया जाता है. इसके लिए उनको बकायदा एक फॉर्म भी भराया जाता है और उनका पूरा डिटेल भी एक रजिस्टर में मेंटेन किया जाता है. अभिषेक बताते हैं कि वह ट्यूशन के पैसों और अपने पर्सनल खर्चे से अपने साथियों संग इस बैंक को संचालित कर रहे हैं. हालांकि अब 40 से अधिक लोग इस मुहिम से जुड़कर अभिषेक का साथ दे रहे है. अभिषेक का कहना है कि इसी तरह अगर सक्षम लोग इस बैंक को बढ़ावा देने के लिए आगे आएंगे तो महिलाओं की बीमारी को हम जड़ से खत्म कर सकते हैं.



इस पैड बैंक में बीते 7 माह में 300 से ज्यादा गरीब लड़कियां और महिलाओं का खाता खोला जा चुका है और वह हर महीने 10 से 15 किलोमीटर दूरी तय कर इस बैंक में खाता खुलवाने आ रही हैं. ज्यादातर गरीब महिलाएं प्रयागराज शहर के तुला रामबाग, कीडगंज, नैनी और झूंसी जैसे इलाके से आ रही हैं और बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.


रजिस्टर में मेंटेन होती है डिटेल्स


दो कमरे के इस बैंक में एक कमरा ब्रांच मैनेजर का भी है. जहां पर एक महिला ब्रांच मैनेजर की भूमिका में गरीब महिलाओं के फॉर्म भराने और पूरी प्रक्रिया की देखरेख करती हैं. ब्रांच मैनेजर रीता विश्वकर्मा का कहना है कि गरीब महिलाओं में जागरुकता बढ़ी है और नि:शुल्क पैड मिलने से सभी गरीब महिलाएं और लड़कियां बेहद खुश हैं. रीता बताती हैं कि जिन महिलाओं या लड़कियों के पास आधार कार्ड है या कोई परिचय पत्र है उनका पूरा डिटेल एक रजिस्टर में मेंटेन होता है. जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं उनका पूरा पता और फोटो लेकर उनको यह सुविधा दी जा रही है. महिलाओं को महीने में एक बार मुफ्त में पैड दिया जाता है.



ब्रांच मैनेजर ने बताया कि उन्होंने हर एक लड़की से 10 ऐसी लड़कियों को इस मुहीम से जोड़ने की अपील की है जो माहवारी के दौरान पैड नहीं इस्तेमाल करती हैं और इसे चेन पॉलिसी का नाम दिया है. इस पॉलिसी का फायदा यह है कि इससे कई गरीब और मलिन बस्तियां कवर की जा सकेंगी. रीता बताती हैं कि जब हर एक लड़की सैनेटरी पैड के महत्व को समझेगी और इसका नियमित तौर पर इस्तेमाल करेगी तो वही हमारे लिए उपलब्धि होगी.


इसे भी पढ़ें-माहवारी के दौरान स्वच्छता जरूरी : विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 2021


महिलाओं ने जताई खुशी


मलिन बस्ती से आई खाताधारक वर्षा कुमारी शहर में खुले इस अनोखे सेनिटरी पैड बैंक से बेहद खुश हैं और वह सभी छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त करती हैं. पैड बैंक में वह 2 महीने से लगातार आ रही हैं और सभी को जागरुक करना चाहती हैं कि सभी लड़कियां पैड का इस्तेमाल करें, कपड़े से दूरी बनाएं जिससे बीमारियों से बचा जा सके.



वहीं खुशबू बताती हैं कि जब से यह पैड बैंक खुला है तब से वह हर महीने नि:शुल्क पैड लेने आती हैं. वह अपने साथ बस्ती की गरीब लड़कियों को भी लाती हैं. उनको भी दिलाती हैं और उन को जागरुक करते हैं. खुशबू बताती है कि पैड बैंक की इस अनोखी पहल से उन लड़कियों को काफी मदद मिलती है जो पैड नहीं खरीद सकतीं. पैड बैंक का आभार जताते हुए वह धन्यवाद देती हैं.

प्रयागराज: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के कुछ छात्रों ने मिलकर एक अनोखी मुहिम शुरू की है. महिलाओं में माहवारी के समय जागरुकता फैलाने और हाइजीन को लेकर विश्वविद्यालय के 5 छात्रों के एक समूह ने शहर में सेनिटरी पैड बैंक (sanitary pad bank) खोला है. जो पिछले 7 महीनों से अलोपी देवी मंदिर के पास स्थापित है. छात्र अभिषेक शुक्ला इस बैंक के संस्थापक हैं औैर अपने चार दोस्तों के साथ इस पैड बैंक को संचालित कर रहे हैं.


महीने के वो पांच दिन, उन गरीब लड़कियों के लिए भी सहूलियत भरे हों, इस उद्देश्य से प्रयागराज के छात्र अभिषेक शुक्ला ने सेनिटरी पैड बैंक की शुरुआत की है. ये सेनिटरी पैड बैंक शहर के अलोपीबाग चुंगी के पास स्थापित है. बैंक के संस्थापक अभिषेक का कहना है कि वह पिछले कई सालों से गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाते हैं और उसी दौरान उनके जहन में यह बात आई की कुछ बच्चे माहवारी के चलते पढ़ने के लिए नहीं आ पाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 1 जनवरी से इस बैंक की स्थापना की.

स्पेशल रिपोर्ट



इस अनोखे बैंक में हर महीने गरीब महिलाओं को एक बार सेनिटरी पैड का पैकेट मुफ्त में दिया जाता है. इसके लिए उनको बकायदा एक फॉर्म भी भराया जाता है और उनका पूरा डिटेल भी एक रजिस्टर में मेंटेन किया जाता है. अभिषेक बताते हैं कि वह ट्यूशन के पैसों और अपने पर्सनल खर्चे से अपने साथियों संग इस बैंक को संचालित कर रहे हैं. हालांकि अब 40 से अधिक लोग इस मुहिम से जुड़कर अभिषेक का साथ दे रहे है. अभिषेक का कहना है कि इसी तरह अगर सक्षम लोग इस बैंक को बढ़ावा देने के लिए आगे आएंगे तो महिलाओं की बीमारी को हम जड़ से खत्म कर सकते हैं.



इस पैड बैंक में बीते 7 माह में 300 से ज्यादा गरीब लड़कियां और महिलाओं का खाता खोला जा चुका है और वह हर महीने 10 से 15 किलोमीटर दूरी तय कर इस बैंक में खाता खुलवाने आ रही हैं. ज्यादातर गरीब महिलाएं प्रयागराज शहर के तुला रामबाग, कीडगंज, नैनी और झूंसी जैसे इलाके से आ रही हैं और बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.


रजिस्टर में मेंटेन होती है डिटेल्स


दो कमरे के इस बैंक में एक कमरा ब्रांच मैनेजर का भी है. जहां पर एक महिला ब्रांच मैनेजर की भूमिका में गरीब महिलाओं के फॉर्म भराने और पूरी प्रक्रिया की देखरेख करती हैं. ब्रांच मैनेजर रीता विश्वकर्मा का कहना है कि गरीब महिलाओं में जागरुकता बढ़ी है और नि:शुल्क पैड मिलने से सभी गरीब महिलाएं और लड़कियां बेहद खुश हैं. रीता बताती हैं कि जिन महिलाओं या लड़कियों के पास आधार कार्ड है या कोई परिचय पत्र है उनका पूरा डिटेल एक रजिस्टर में मेंटेन होता है. जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं उनका पूरा पता और फोटो लेकर उनको यह सुविधा दी जा रही है. महिलाओं को महीने में एक बार मुफ्त में पैड दिया जाता है.



ब्रांच मैनेजर ने बताया कि उन्होंने हर एक लड़की से 10 ऐसी लड़कियों को इस मुहीम से जोड़ने की अपील की है जो माहवारी के दौरान पैड नहीं इस्तेमाल करती हैं और इसे चेन पॉलिसी का नाम दिया है. इस पॉलिसी का फायदा यह है कि इससे कई गरीब और मलिन बस्तियां कवर की जा सकेंगी. रीता बताती हैं कि जब हर एक लड़की सैनेटरी पैड के महत्व को समझेगी और इसका नियमित तौर पर इस्तेमाल करेगी तो वही हमारे लिए उपलब्धि होगी.


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महिलाओं ने जताई खुशी


मलिन बस्ती से आई खाताधारक वर्षा कुमारी शहर में खुले इस अनोखे सेनिटरी पैड बैंक से बेहद खुश हैं और वह सभी छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त करती हैं. पैड बैंक में वह 2 महीने से लगातार आ रही हैं और सभी को जागरुक करना चाहती हैं कि सभी लड़कियां पैड का इस्तेमाल करें, कपड़े से दूरी बनाएं जिससे बीमारियों से बचा जा सके.



वहीं खुशबू बताती हैं कि जब से यह पैड बैंक खुला है तब से वह हर महीने नि:शुल्क पैड लेने आती हैं. वह अपने साथ बस्ती की गरीब लड़कियों को भी लाती हैं. उनको भी दिलाती हैं और उन को जागरुक करते हैं. खुशबू बताती है कि पैड बैंक की इस अनोखी पहल से उन लड़कियों को काफी मदद मिलती है जो पैड नहीं खरीद सकतीं. पैड बैंक का आभार जताते हुए वह धन्यवाद देती हैं.

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