प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की बेंच आगरा में बनाए जाने के केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू के बयान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का गुस्सा भड़क उठा.
मंत्री के बयान से नाराज हाईकोर्ट के वकीलों ने मंगलवार को अंबेडकर चौराहे पर केंद्र सरकार (central government) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री का पुतला फूंका.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अशोक सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री के इस बयान को इलाहाबाद हाईकोर्ट को कमजोर करने की साजिश करार दिया. अधिवक्ताओं ने कहा कि जसवंत सिंह कमीशन (Jaswant Singh Commission) के आधार पर केंद्रीय कानून मंत्री ने यह बयान दिया है लेकिन वह रिपोर्ट उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अब निरर्थक हो चुकी है.
उन लोगों ने कहा कि न्यायालयों में 30 फीसदी पद रिक्त हैं. साथ ही अधिकारियों को त्वरित न्याय के लिए हाईकोर्ट और निचली अदालतों में रिक्त पदों को भरा जाना बेहद जरूरी है. ऐसे में यह विघटनकारी कदम देश की राजनीति और सामाजिक व्यवस्था पर गलत असर डालेगा.
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आगरा या मेरठ में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने से किसी न्यायिक समस्या का समाधान नहीं होगा. यह केवल संविधान की व्यवस्था के साथ खिलवाड़ और राजनीतिक दिवालियापन होगा. अधिवक्ताओं ने कहा कि संविधान की व्यवस्था के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की चार खंडपीठों का गठन कहीं ज्यादा जरूरी है.
इस मामले में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) की निवर्तमान कार्यकारिणी ने एक आपात बैठक भी बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. अधिवक्ताओं ने कहा कि एल्डर कमेटी को बैठकर इस पर विचार करना चाहिए.
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