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4647 वकीलों के खातों में भेजे गये एक करोड़ 33 लाख रुपये, जानिए क्यों

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की अधिवक्ता निधि योजना (Advocate fund scheme) के अंतर्गत 4647 वकीलों द्वारा कराए गए फोटो एफिडेविट के कुल एक करोड़ तैंतीस लाख 27 हजार दो सौ रुपये उनके पीपीएफ/बचत खातों में भेज दिए गए.

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन
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Published : Dec 13, 2022, 10:19 PM IST

प्रयागराजः हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) की अधिवक्ता निधि योजना (Advocate fund scheme) शुरू हो गई है. पहले माह में 4647 वकीलों द्वारा कराए गए फोटो एफिडेविट से इस निधि के तहत एक करोड़ तैंतीस लाख रुपये से अधिक की राशि उनके खातों में भेज दी गई.

यह जानकारी हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष राधाकांत ओझा (High Court Bar President Radhakant Ojha) ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में साझा की. नए पदाधिकारी कक्ष में वार्ता के दौरान ओझा ने बताया कि एक नवंबर 2022 से शुरू अधिवक्ता निधि योजना के तहत 30 नवंबर तक 4647 वकीलों द्वारा कराए गए फोटो एफिडेविट के कुल एक करोड़ तैंतीस लाख 27 हजार दो सौ रुपये (131,27,200 रुपये) उनके पीपीएफ/बचत खातों में भेज दिए गए. उन्होंने बताया कि 49 वकीलों के बैंक खाते से संबंधित गलत विवरण दिए जाने के कारण उनकी अधिवक्ता निधि नहीं भेजी जा सकी तो बार कार्यालय स्थित सर्वर ए से जुड़े 25 वकीलों की अधिवक्ता निधि तकनीकी खराबी के कारण नहीं भेजी जा सकी. जो दिसम्बर माह में जोड़कर भेजी जाएगी. इसके अतिरिक्त पोस्ट आफिस के पीपीएफ खातों से सबंधित आईएफएससी कोड कार्य नहीं करने के कारण 40 वकीलों की निधि उनके खाते में नहीं भेजी जा सकी. राधाकांत ओझा ने बताया कि अधिवक्ता निधि से अर्जित ब्याज से इस कार्य में लगे बार एसोसिएशन के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाएगा. अधिवक्ता निधि के तौर पर यह धनराशि 50 के गुणांक में होने के कारण शेष धनराशि अगली माह की अधिवक्ता निधि के साथ जुड़कर स्थानांतरित की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि 1088 वकीलों का बकाया मासिक सदस्यता शुल्क समायोजित कर शेष धनराशि उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है.


संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी (Joint Secretary Press Ashutosh Tripathi) ने कहा कि 2649 वकीलों के खातों में अधिवक्ता निधि का पैसा नहीं पहुंचा है. क्योंकि उन्होंने अब तक अपने खाते का विवरण उपलब्ध नहीं कराया है. उन्होंने यह भी कहा कि बैंक से गए संदेश में त्रुटिवश सैलरी शब्द चला गया है, जिसे भविष्य में सही कर दिया जाएगा. अधिवक्ताओं से आग्रह है कि इस धनराशि को अभी खर्च न करें. जमा करते जाएं ताकि भविष्य में सही समय पर यह आपके काम आ सके.

यह भी पढ़ें- चट्टी हत्‍याकांड में कोर्ट ने मुख्‍तार अंसारी को 20 दिसंबर को पेश करने का दिया आदेश

प्रयागराजः हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) की अधिवक्ता निधि योजना (Advocate fund scheme) शुरू हो गई है. पहले माह में 4647 वकीलों द्वारा कराए गए फोटो एफिडेविट से इस निधि के तहत एक करोड़ तैंतीस लाख रुपये से अधिक की राशि उनके खातों में भेज दी गई.

यह जानकारी हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष राधाकांत ओझा (High Court Bar President Radhakant Ojha) ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में साझा की. नए पदाधिकारी कक्ष में वार्ता के दौरान ओझा ने बताया कि एक नवंबर 2022 से शुरू अधिवक्ता निधि योजना के तहत 30 नवंबर तक 4647 वकीलों द्वारा कराए गए फोटो एफिडेविट के कुल एक करोड़ तैंतीस लाख 27 हजार दो सौ रुपये (131,27,200 रुपये) उनके पीपीएफ/बचत खातों में भेज दिए गए. उन्होंने बताया कि 49 वकीलों के बैंक खाते से संबंधित गलत विवरण दिए जाने के कारण उनकी अधिवक्ता निधि नहीं भेजी जा सकी तो बार कार्यालय स्थित सर्वर ए से जुड़े 25 वकीलों की अधिवक्ता निधि तकनीकी खराबी के कारण नहीं भेजी जा सकी. जो दिसम्बर माह में जोड़कर भेजी जाएगी. इसके अतिरिक्त पोस्ट आफिस के पीपीएफ खातों से सबंधित आईएफएससी कोड कार्य नहीं करने के कारण 40 वकीलों की निधि उनके खाते में नहीं भेजी जा सकी. राधाकांत ओझा ने बताया कि अधिवक्ता निधि से अर्जित ब्याज से इस कार्य में लगे बार एसोसिएशन के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाएगा. अधिवक्ता निधि के तौर पर यह धनराशि 50 के गुणांक में होने के कारण शेष धनराशि अगली माह की अधिवक्ता निधि के साथ जुड़कर स्थानांतरित की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि 1088 वकीलों का बकाया मासिक सदस्यता शुल्क समायोजित कर शेष धनराशि उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है.


संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी (Joint Secretary Press Ashutosh Tripathi) ने कहा कि 2649 वकीलों के खातों में अधिवक्ता निधि का पैसा नहीं पहुंचा है. क्योंकि उन्होंने अब तक अपने खाते का विवरण उपलब्ध नहीं कराया है. उन्होंने यह भी कहा कि बैंक से गए संदेश में त्रुटिवश सैलरी शब्द चला गया है, जिसे भविष्य में सही कर दिया जाएगा. अधिवक्ताओं से आग्रह है कि इस धनराशि को अभी खर्च न करें. जमा करते जाएं ताकि भविष्य में सही समय पर यह आपके काम आ सके.

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