प्रयागराज : जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना मंगलवार को नये यमुना पुल पर देखने को मिली. सड़क हादसे में घायल अधिवक्ता की मदद करने के लिए कोई भी राहगीर नहीं रुका. इस दौरान उधर से दो एंबुलेंस भी गुजरी लेकिन किसी ने रुककर घायल को अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं की. जिसके चलते इलाज न मिलने से युवा अधिवक्ता की मौके पर ही मौत हो गयी.
इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना
यह घटना नैनी थाना क्षेत्र की है. बाइक से जा रहे अधिवक्ता विनोद यादव को किसी वाहन ने टक्कर मार दी. इसके बाद वो बुरी तरह से घायल होकर सड़क पर गिर गए. इस दौरान नये यमुना पुल पर आने-जाने वाले किसी भी वाहन चालक ने रुककर घायल की मदद नहीं की. तभी उधर से गुजर रहे सिविल डिफेन्स के वार्डन शुभम श्रीवास्तव ने रुककर घायल की मदद करने की कोशिश की. उन्होंने गुजर रहे राहगीरों को मदद के लिए बुलाया, लेकिन घायल की मदद करने के लिए कोई भी नहीं रुका. जिसके बाद शुभम ने घायल वकील के पास मौजूद दस्तावेजों की मदद से उनके घरवालों और पुलिस को जानकारी दी.
मुंह से सांस देने की कोशिश
इस बीच घायल को बचाने के लिए सिविल डिफेंस के पदाधिकारी ने मुंह से सांस देकर घायल अधिवक्ता को जीवित रखने का प्रयास किया. लेकिन, तभी घायल के मुंह से खून निकलने लगा और जब तक घायल वकील के घरवाले नैनी से मदद के लिए मौक पर पहुंचे, तब तक युवा अधिवक्ता की मौत हो चुकी थी.
घायल की मदद करने के लिए रोकने पर भी नहीं रुके राहगीर
इसे कोरोना महामारी का कहर कहें या लोगों के अंदर से खत्म होती मानवता की भावना कि सड़क पर तड़प रहे एक घायल की मदद करने के लिए कोई राहगीर नहीं रुका. सिविल डिफेंस के शुभम की मानें तो उन्होंने घायल अधिवक्ता को अस्पताल ले जाने के लिए कई लोगों को रोकने का प्रयास भी किया. लेकिन उसके बावजूद किसी ने उस जगह रुकने की जरुरत नहीं समझी. वहीं शुभम का कहना है कि अगर कोई राहगीर सही समय पर रुककर मदद कर देता तो शायद घायल अधिवक्ता की जिंदगी बच सकती थी.
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