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वकीलों के लिए सरकार से मदद मांगने की निंदा की - प्रयागराज समाचार

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लॉकडाउन से उत्पन्न हालात में यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष द्वारा वकीलों के लिए सरकार से 50 करोड़ रुपये की मांग करने पर अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष ने निंदा की है.

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अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष ने वकीलों के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग को बताया निंदनीय
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Published : Mar 31, 2020, 11:29 AM IST

प्रयागराज: अधिवक्ता मंच ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन से उत्पन्न हालात में यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष द्वारा वकीलों के लिए सरकार से 50 करोड़ रुपये की मांग करने पर अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष राम औतार ने निंदा की है.

'सरकार से मदद की मांग निंदनीय'
अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष राम औतार वर्मा का मानना है कि बार कौंसिल अध्यक्ष ने ऐसे कठिन समय में सरकार से सहायता राशि मांगकर वकीलों की छवि धूमिल की है. उनका कहना है कि जब समाज के सभी संगठन और लोग व्यक्तिगत रूप से सरकार को कोरोना से लड़ने के लिए आर्थिक मदद दे रहे हैं, उस स्थिति में वकीलों द्वारा खुद के लिए मदद की मांग निंदनीय है.

राम औतार ने योगी को लिखा पत्र
राम औतार वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि यूपी बार कौंसिल अध्यक्ष की 50 करोड़ रुपये की मांग उचित नहीं है. अब तक किसी भी वकील ने बार कौंसिल से मदद नहीं मांगी है, जिन वकीलों के नाम पर कौंसिल अध्यक्ष इतनी बड़ी रकम सरकार से मांग रहे हैं, हकीकत में उन वकीलों को ऐसी मदद की दरकार फिलहाल नहीं है.

राम औतार ने कहा, वकील समाज का है जिम्मेदार नागरिक
यदि कोई अधिवक्ता वास्तव में लॉकडाउन से परेशानी में है तो प्रदेश के अन्य अधिवक्ता उनकी मदद करने और ख्याल रखने में सक्षम हैं. कई अधिवक्ता संगठन जरूरतमंद वकीलों की मदद भी कर रहे हैं. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक रिलीफ फंड भी गठित किया है. इसी प्रकार वकीलों के अन्य संगठन भी मदद कर रहे हैं. अधिवक्ता समाज का जिम्मेदार नागरिक है. आम अधिवक्ता व्यक्तिगत रूप से सरकार के रिलीफ फंड में योगदान कर रहा है.

वकीलों को सरकार की करनी चाहिए मदद
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने भी पिछले दिनों बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर एक रिलीफ फंड बनाने की मांग की थी. उनका कहना है कि अधिवक्ताओं की ओर से सरकार को भी ऐसे समय पर मदद दी जानी चाहिए.

प्रयागराज: अधिवक्ता मंच ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन से उत्पन्न हालात में यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष द्वारा वकीलों के लिए सरकार से 50 करोड़ रुपये की मांग करने पर अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष राम औतार ने निंदा की है.

'सरकार से मदद की मांग निंदनीय'
अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष राम औतार वर्मा का मानना है कि बार कौंसिल अध्यक्ष ने ऐसे कठिन समय में सरकार से सहायता राशि मांगकर वकीलों की छवि धूमिल की है. उनका कहना है कि जब समाज के सभी संगठन और लोग व्यक्तिगत रूप से सरकार को कोरोना से लड़ने के लिए आर्थिक मदद दे रहे हैं, उस स्थिति में वकीलों द्वारा खुद के लिए मदद की मांग निंदनीय है.

राम औतार ने योगी को लिखा पत्र
राम औतार वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि यूपी बार कौंसिल अध्यक्ष की 50 करोड़ रुपये की मांग उचित नहीं है. अब तक किसी भी वकील ने बार कौंसिल से मदद नहीं मांगी है, जिन वकीलों के नाम पर कौंसिल अध्यक्ष इतनी बड़ी रकम सरकार से मांग रहे हैं, हकीकत में उन वकीलों को ऐसी मदद की दरकार फिलहाल नहीं है.

राम औतार ने कहा, वकील समाज का है जिम्मेदार नागरिक
यदि कोई अधिवक्ता वास्तव में लॉकडाउन से परेशानी में है तो प्रदेश के अन्य अधिवक्ता उनकी मदद करने और ख्याल रखने में सक्षम हैं. कई अधिवक्ता संगठन जरूरतमंद वकीलों की मदद भी कर रहे हैं. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक रिलीफ फंड भी गठित किया है. इसी प्रकार वकीलों के अन्य संगठन भी मदद कर रहे हैं. अधिवक्ता समाज का जिम्मेदार नागरिक है. आम अधिवक्ता व्यक्तिगत रूप से सरकार के रिलीफ फंड में योगदान कर रहा है.

वकीलों को सरकार की करनी चाहिए मदद
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने भी पिछले दिनों बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर एक रिलीफ फंड बनाने की मांग की थी. उनका कहना है कि अधिवक्ताओं की ओर से सरकार को भी ऐसे समय पर मदद दी जानी चाहिए.

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