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प्रयागराज: कमजोरी को बनाई ताकत, ढाई साल के बच्चे ने हासिल किए दो खिताब - प्रयागराज का आद्विक इसलिए है खास

यूपी के प्रयागराज के आद्विक ने महज ढाई साल की उम्र में इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है. बता दें कि आद्विक जन्म से ही पाल्सी नामक बीमारी से ग्रसित है, लेकिन आद्विक की बौद्धिक क्षमता ढाई साल की उम्र के नॉर्मल बच्चों से अधिक तेज है.

प्रयागराज का आद्विक इसलिए है खास.
प्रयागराज का आद्विक इसलिए है खास.
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Published : Aug 31, 2020, 9:19 AM IST

प्रयागराज: संगमनगरी के रहने वाले ढाई साल के बच्चे ने अपनी काबलियत से इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है. जन्म से सेरेब्रल पाल्सी नाम की बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद आद्विक ने हिम्मत नहीं हारी और माता-पिता के सपोर्ट से प्रयागराज जिले के साथ ही देश में नाम रोशन किया है. बता दें कि आद्विक बचपन से ही अपने पांव पर नहीं चला पाता था. लेकिन अपने कला के दम पर महज ढाई साल की उम्र में बड़े-बड़ों को पीछे छोड़ दिया. आद्विक ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाकर 'मास्टर' की उपाधि हासिल की है.

देखें वीडियो.

अनोखी बीमारी से है ग्रषित
मास्टर आद्विक के पिता रविन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि देश में 10 लाख लोगों में से किसी एक व्यक्ति को सेरेब्रल पाल्सी नाम की यह बीमारी होती है. इस बीमारी में बच्चा दिमागी और शारीरिक रूप से कमजोर होता है. लेकिन मास्टर आद्विक ने अपने दिमागी ज्ञान के दम पर दो रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. जिसमें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड शामिल हैं. जन्म के कुछ महीने बाद भी आद्विक नॉर्मल बच्चों की कोई एक्टिविटी नहीं कर पाता था. इसके बाद रविन्द्र उसे लेकर डॉक्टर के पास गए तो इस बीमारी के बारे में पता चला. डॉक्टर के सलाह पर आद्विक की थेरेपी शुरू हुई और धीरे-धीरे आद्विक काम करने लगा.
दो रिकॉर्ड किया अपने नाम
आद्विक के पिता रविन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि धीरे-धीरे लगने लगा कि आद्विक शारीरिक रूप कमजोर है, लेकिन दिमागी रूप स्वस्थ्य है. आद्विक ने उसी क्वालिटी को अपनी ताकत बनाया और ढाई साल के उम्र में इंडिया बुक ऑफ और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड अपना नाम दर्ज कराया. रविन्द्र का कहना है कि आद्विक की इसी खासियत को हमें आगे ले जाना है. जिससे समाज को यह संदेश मिले कि कमजोरी को ताकत बनाकर भी अपनी पहचान बनाई जा सकती है.
मोस्ट इंटेलीजेंट का मिला टाइटल
आद्विक की मां ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मोस्ट इंटेलीजेंट और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में ग्रैंड मास्टर के टाइटल से आद्विक को सम्मानित किया गया है. देश में सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से ग्रसित बच्चे चलना तो दूर की बात है ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं. लेकिन ढाई साल के उम्र में आद्विक ने आने बौद्धिक क्षमता से दो रिकॉर्ड दर्ज किया है.
हाथ पैर नहीं करते ठीक से काम
आद्विक की मां स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि जन्म लेने के कुछ दिन बाद जब पता चला कि आद्विक ठीक से चल और बोल नहीं पाएगा तो मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. मैं और मेरे पति ने सोचा की मेरे बेटे को यह क्या हो गया. पति के सपोर्ट और त्रिशला फाउंडेशन की वजह से आज आद्विक ढाई साल के उम्र में चल तो नहीं पता है, लेकिन थेरेपी की मदद से उसने बोलना और लिखना शुरू कर दिया है. आद्विक की सबसे खास बात यह है कि एक बार कही हुई बातों को याद कर लेता है. यही नहीं आद्विक की बौद्धिक क्षमता ढाई साल की उम्र के नॉर्मल बच्चों से अधिक तेज है.
ओरल याद है सांस्कृतिक श्लोक
स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि ढाई साल के उम्र में आद्विक को बहुत से शब्द याद है. सांस्कृतिक के श्लोक, जानवरों की आवाज, जानवरों के नाम, शरीर के बॉडी पार्ट्स, लिविंग और नॉन लिविंग में डिफरेंट जनता है. इसके साथ ही टेबल, मंथ, डे नेम और इसके साथ ही हिंदी, इंग्लिश कॉउंटिंग जैसे कई शब्दों को याद कर लिया है. आद्विक एक बाद जिस शब्द को पढ़ लेता है तो उसे भूलता नहीं है यही इसकी सबसी बड़ी ताकत है.

प्रयागराज: संगमनगरी के रहने वाले ढाई साल के बच्चे ने अपनी काबलियत से इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है. जन्म से सेरेब्रल पाल्सी नाम की बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद आद्विक ने हिम्मत नहीं हारी और माता-पिता के सपोर्ट से प्रयागराज जिले के साथ ही देश में नाम रोशन किया है. बता दें कि आद्विक बचपन से ही अपने पांव पर नहीं चला पाता था. लेकिन अपने कला के दम पर महज ढाई साल की उम्र में बड़े-बड़ों को पीछे छोड़ दिया. आद्विक ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाकर 'मास्टर' की उपाधि हासिल की है.

देखें वीडियो.

अनोखी बीमारी से है ग्रषित
मास्टर आद्विक के पिता रविन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि देश में 10 लाख लोगों में से किसी एक व्यक्ति को सेरेब्रल पाल्सी नाम की यह बीमारी होती है. इस बीमारी में बच्चा दिमागी और शारीरिक रूप से कमजोर होता है. लेकिन मास्टर आद्विक ने अपने दिमागी ज्ञान के दम पर दो रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. जिसमें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड शामिल हैं. जन्म के कुछ महीने बाद भी आद्विक नॉर्मल बच्चों की कोई एक्टिविटी नहीं कर पाता था. इसके बाद रविन्द्र उसे लेकर डॉक्टर के पास गए तो इस बीमारी के बारे में पता चला. डॉक्टर के सलाह पर आद्विक की थेरेपी शुरू हुई और धीरे-धीरे आद्विक काम करने लगा.
दो रिकॉर्ड किया अपने नाम
आद्विक के पिता रविन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि धीरे-धीरे लगने लगा कि आद्विक शारीरिक रूप कमजोर है, लेकिन दिमागी रूप स्वस्थ्य है. आद्विक ने उसी क्वालिटी को अपनी ताकत बनाया और ढाई साल के उम्र में इंडिया बुक ऑफ और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड अपना नाम दर्ज कराया. रविन्द्र का कहना है कि आद्विक की इसी खासियत को हमें आगे ले जाना है. जिससे समाज को यह संदेश मिले कि कमजोरी को ताकत बनाकर भी अपनी पहचान बनाई जा सकती है.
मोस्ट इंटेलीजेंट का मिला टाइटल
आद्विक की मां ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मोस्ट इंटेलीजेंट और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में ग्रैंड मास्टर के टाइटल से आद्विक को सम्मानित किया गया है. देश में सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से ग्रसित बच्चे चलना तो दूर की बात है ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं. लेकिन ढाई साल के उम्र में आद्विक ने आने बौद्धिक क्षमता से दो रिकॉर्ड दर्ज किया है.
हाथ पैर नहीं करते ठीक से काम
आद्विक की मां स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि जन्म लेने के कुछ दिन बाद जब पता चला कि आद्विक ठीक से चल और बोल नहीं पाएगा तो मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. मैं और मेरे पति ने सोचा की मेरे बेटे को यह क्या हो गया. पति के सपोर्ट और त्रिशला फाउंडेशन की वजह से आज आद्विक ढाई साल के उम्र में चल तो नहीं पता है, लेकिन थेरेपी की मदद से उसने बोलना और लिखना शुरू कर दिया है. आद्विक की सबसे खास बात यह है कि एक बार कही हुई बातों को याद कर लेता है. यही नहीं आद्विक की बौद्धिक क्षमता ढाई साल की उम्र के नॉर्मल बच्चों से अधिक तेज है.
ओरल याद है सांस्कृतिक श्लोक
स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि ढाई साल के उम्र में आद्विक को बहुत से शब्द याद है. सांस्कृतिक के श्लोक, जानवरों की आवाज, जानवरों के नाम, शरीर के बॉडी पार्ट्स, लिविंग और नॉन लिविंग में डिफरेंट जनता है. इसके साथ ही टेबल, मंथ, डे नेम और इसके साथ ही हिंदी, इंग्लिश कॉउंटिंग जैसे कई शब्दों को याद कर लिया है. आद्विक एक बाद जिस शब्द को पढ़ लेता है तो उसे भूलता नहीं है यही इसकी सबसी बड़ी ताकत है.
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