प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा की महिला शाखा प्रबंधक पर तेजाब से हमला करने के आरोपी कौशांबी के सैयद सरावा के पूर्व प्रधान मोहम्मद आजम की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. मोहम्मद आजम पर आरोप है कि उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर महिला बैंक प्रबंधक रजनी चौधरी पर तेजाब फेंकवाया, जिसमें वह गंभीर रूप से झुलस गई. मोहम्मद आजम लोन की रिकवरी किए जाने की वजह से शाखा प्रबंधक से नाराज था. उसकी जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम ने सुनवाई की.
रजनी चौधरी की ओर से अधिवक्ता सुरेंद्र चौधरी ने जमानत याचिका का विरोध किया. कहा गया कि रजनी चौधरी बैंक ऑफ बड़ौदा की सैयद सरावा ब्रांच में मैनेजर थी. उन्होंने लोन डिफॉल्टर के खिलाफ रिकवरी का अभियान चला रखा था. पूर्व प्रधान मोहम्मद आजम पर भी लोन का बकाया था. जिसकी रिकवरी के लिए उसे नोटिस जारी किया गया तथा रिकवरी के तौर पर तीन लाख उसके खाते से काट लिए गए.
इससे नाराज मोहम्मद आजम ने बैंक जाकर रजनी चौधरी को धमकाया था. 8 अगस्त 2022 को जब रजनी चौधरी हिम्मत गंज प्रयागराज स्थित अपने घर से बैंक के लिए स्कूटी से जा रही थी, उस वक्त उनके ऊपर कुछ लोगों ने तेजाब फेंका. जिसमें वह पूरी तरीके से झुलस गई. इस समय उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. रजनी चौधरी के अधिवक्ता का कहना था कि अभियुक्त माफिया अतीक अहमद का नजदीकी है, उसपर 20 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज है. कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है.
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