ETV Bharat / state

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट न मिलने पर दी जमानत, आरोपियों पर कई मामले हैं दर्ज - आरोपियों को मिली जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों की ढाई लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. इन पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट
author img

By

Published : Aug 29, 2019, 2:44 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज धूमनगंज थाना क्षेत्र के निवासी फरहान, अकबर एवं एजाज अख्तर की ढाई लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. इन पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं. 9 माह बाद भी पुलिस रिपोर्ट न दाखिल होने के कारण कोर्ट ने जमानत दे दी है. सरकारी वकील का कहना था कि भय के कारण कोई गवाही देने सामने नहीं आ रहा है और पुलिस को चार्जसीट दाखिल करने की अवधि कानून में एक साल नियत है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने दिया है. कोर्ट ने कहा है कि रिहाई के बाद हर दूसरे दिन आरोपीगण धूमनगंज थाने में हाजिरी देगे. वे वचन देगे की ट्रायल कोर्ट में गवाही के समय हाजिर होंगे. कोर्ट ने कहा कि शर्त के उल्लंघन पर कोर्ट को नियमानुसार, जमानत का दुरूपयोग मानते हुए कार्रवाई का अधिकार होगा.

इसे भी पढ़ें - इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों की रैगिंग, 7 स्टूडेंट्स निलंबित

याचियों का कहना था कि उन पर 30 अक्टूबर 18 को प्राथमिकी दर्ज हुई, गैंग चार्ट बना. वे पहले से जेल में थे. गैंग चार्ट वाले केसों में ट्रायल चल रहा है. वे पहले दर्ज केसों में जमानत पर है. ट्रायल कोर्ट ने उन केसों के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया जो गैंग चार्ट में शामिल नहीं हैं. कोर्ट ने कहा भले ही चार्जसीट के लिए एक वर्ष का समय हो, फिर भी यथाशीघ्र चार्ज सीट दाखिल होनी चाहिए. 9 माह बीत जाने के बाद भी चार्ज सीट नहीं दाखिल की गयी. कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज धूमनगंज थाना क्षेत्र के निवासी फरहान, अकबर एवं एजाज अख्तर की ढाई लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. इन पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं. 9 माह बाद भी पुलिस रिपोर्ट न दाखिल होने के कारण कोर्ट ने जमानत दे दी है. सरकारी वकील का कहना था कि भय के कारण कोई गवाही देने सामने नहीं आ रहा है और पुलिस को चार्जसीट दाखिल करने की अवधि कानून में एक साल नियत है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने दिया है. कोर्ट ने कहा है कि रिहाई के बाद हर दूसरे दिन आरोपीगण धूमनगंज थाने में हाजिरी देगे. वे वचन देगे की ट्रायल कोर्ट में गवाही के समय हाजिर होंगे. कोर्ट ने कहा कि शर्त के उल्लंघन पर कोर्ट को नियमानुसार, जमानत का दुरूपयोग मानते हुए कार्रवाई का अधिकार होगा.

इसे भी पढ़ें - इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों की रैगिंग, 7 स्टूडेंट्स निलंबित

याचियों का कहना था कि उन पर 30 अक्टूबर 18 को प्राथमिकी दर्ज हुई, गैंग चार्ट बना. वे पहले से जेल में थे. गैंग चार्ट वाले केसों में ट्रायल चल रहा है. वे पहले दर्ज केसों में जमानत पर है. ट्रायल कोर्ट ने उन केसों के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया जो गैंग चार्ट में शामिल नहीं हैं. कोर्ट ने कहा भले ही चार्जसीट के लिए एक वर्ष का समय हो, फिर भी यथाशीघ्र चार्ज सीट दाखिल होनी चाहिए. 9 माह बीत जाने के बाद भी चार्ज सीट नहीं दाखिल की गयी. कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

प्रयागराज 28 अगस्त
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज धूमनगंज थाना क्षेत्र के निवासी फरहान ,अकबर एवं एजाज अख्तर की ढाई लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत मंजूर कर  ली है।इनपर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज है।गिरोहबंद एवं समाज विरोधी गतिविधि निरोधक कानून के तहत निरुद्ध किया गया है।9 माह बाद भी पुलिस रिपोर्ट न दाखिल होने के कारण कोर्ट ने जमानत दे दी है।सरकारी वकील का कहना था कि भय के कारण कोई गवाही देने सामने नही आ रहा है और पुलिस को चार्जसीट दाखिल करने की अवधि कानून में एक साल नियत है।अभी अवधि पूरी नही हुई है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने दिया है।कोर्ट ने कहा है कि रिहाई के बाद हर दूसरे दिन आरोपीगण धूमनगंज थाने में हाजिरी देगे।वे वचन देगे की ट्रायल कोर्ट में गवाही के समय हाजिर होंगे,साथ ही केस की शुरुआत पर,चार्ज निर्मित करने के दिन व् बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट में पेश होंगे।कोर्ट ने कहा कि शर्त के उल्लंघन पर कोर्ट को नियमानुसार जमानत का दुरूपयोग मानते हुए कार्यवाही का अधिकार होगा।
याचियों का कहना था ,उनपर 30 अक्टूबर 18 को प्राथमिकी दर्ज हुई ,गैंग चार्ट बना ,वे पहले से जेल में थे।गैंग चार्ट वाले केसों में ट्रायल चल रहा है।वे पहले दर्ज केसों में  जमानत पर है।ट्रायल कोर्ट ने उन केसों के आधार पर जमानत देने से इंकार कर दिया जो गैंग चार्ट में शामिल नही है।कोर्ट ने कहा भले ही चार्जसीट के लिए एक वर्ष का समय हो ,फिर भी यथाशीघ्र चार्ज सीट दाखिल होनी चाहिए। 9 माह बीत जाने के बाद भी चार्ज सीट नही दाखिल की गयी।कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.