प्रतापगढ़: जिले में बीडीसी सदस्य की मौत पुलिस के लिए पहेली बन गई है. बीते 18 जून की रात सई नदी में संदिग्ध परिस्थितियों में डूबकर बीडीसी सदस्य की मौत हुई थी. मामले में पुलिस ने घटना को आत्महत्या बताया था. वहीं परिजनों ने पुलिस को हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी थी. लेकिन पुलिस ने मामले में एफआईआर नहीं दर्ज की. जिसके बाद सपा नेताओं ने इस मामले में केस दर्ज करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है और थाने का घेराव करने की चेतावनी दी है.
जिले के सांगीपुर थाना इलाके के घुइसरनाथधाम पुल के नीचे सई नदी में एक युवक का शव पाया गया था. बीते 18 जून की रात 12 बजे की यह घटना थी. सुबह होते ही पुलिस को शिनाख्त के बाद बता चला कि शव बीडीसी सदस्य अमर बहादुर यादव का है. यह लालगंज इलाके के पंडित का पुरवा खालसा का रहने वाला था. घटना के बाद से पुलिस हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी हुई थी. परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी है, जबकि पुलिस का मानना है कि मृतक ने आत्महत्या की है. उसकी बोलेरो गाड़ी नदी के पुल पर पाई गई थी.
मामले में जांच जारी
पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने मंगलवार को घटना स्थल पर फॉरेंसिक टीम भी भेजी थी. टीम ने घटना का सीन तैयार कर जांच पड़ताल की है. मामले में सीओ लालगंज जगमोहन सिंह ने फोन पर बताया कि युवक की मौत को लेकर जांच की जा रही है. पुलिस के साथ ही फील्ड यूनिट को भी लगा दिया गया है. मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है.
सपा नेताओं ने की परिजनों से मुलाकात
मामले में मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रो. शिवाकांत ओझा व सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव समर्थकों के साथ मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे. परिजनों से बातचीत के बाद पूर्व मंत्री ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं. पुलिस केस दर्ज करने से इनकार कर रही है. उन्होंने मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज करने की बात कही है. साथ ही कहा कि नहीं किया गया तो वे सांगीपुर थाने का घेराव करेंगे.
बीडीसी सदस्य की हत्या को लेकर शियासत तेज हो गई है. प्रतापगढ़ पुलिस पर लगातार कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस मामले को लेकर जहां एक ओर पुलिस उलझी है वहीं दूसरी तरफ सपा मामले को मुद्दा बना रही है.