प्रतापगढ़: कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार द्वारा 2 हजार के नोट बंद करने के फैसले को तुगलकी फरमान बताया है. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला यह अविवेकपूर्ण फैसला है. सांसद ने पीएम मोदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि 6 साल 6 महीने में ही सरकार ने आखिर क्यों 2016 के अपने ही फैसले को पलट दिया.
राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी शनिवार को लालगंज में आयोजित कांग्रेस पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां मीडिया से बात करते हुए सांसद ने मोदी सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि आखिर मोदी सरकार ने मान लिया कि 2016 में लिया गया उनका निर्णय गलत था. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से एक बार फिर देश में आर्थिक अनिश्चितता का दौर शुरू हो गया है. देश में पूंजी निवेश खतरे में पड़ जाएंगे. जिस किसी ने उद्योग व्यापार अथवा निवेश के लिए योजना बनाई होगी. वह अनिश्चित रूप से भविष्य का शिकार हो गया है. उन्होंने कहा कि 6 साल 6 माह मे ही मोदी सरकार का आर्थिक नीति से जुड़ा फैसला पूरी तरह से गलत साबित हो गया है.
प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाया कि खुद के ही निर्णय को गलत साबित होने पर क्या प्रधानमंत्री नैतिकता के आधार पर पूरे देश से क्षमा याचना करेंगे. उन्होनें कहा कि पीएम मोदी ने ताल ठोंकी और जुमला बोला था. मोदी सरकार ने कहा था कि नोटबंदी से ब्लैकमनी बाहर निकल आएगी. लेकिन इसके विपरीत जब 99.26 प्रतिशत से अधिक धनराशि बैंको में डिपाजिट हो गई तो स्पष्ट हो गया कि देश में काला धन नहीं है.
प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार को लेकर कहा कि यदि काला धन देश में मौजूद रहा तो उसे सरकार एवं बैंक तथा बिचौलियों के गठबंधन से ब्लैकमनी से व्हाइट मनी बना ली गई. उन्होंने कहा कि गयासुददीन तुगलक शाह ने दिल्ली से अपनी राजधानी तुगलकाबाद लाया था. जब आर्थिक और प्रशासनिक तबाही शुरू हुई तो अपनी राजधानी दक्षिण के दौलताबाद में स्थानांतरित कर लिया था. उन्होंने कहा कि फिर भी जनसाधारण की समस्याएं गंभीर बनी रही तो तुगलक ने राजधानी दिल्ली वापस लौटा ली. सांसद ने कहा कि तुगलक ने उस दौर में सोने एवं चांदी के सिक्के को बंद करके तांबा का सिक्का चलाया. लेकिन बाद में उसे तांबा का सिक्का बंद करना पड़ा. ऐसे में मोदी सरकार ने एक बार फिर देश का इतिहास दोहराते हुए तुगलकी फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को तबाह और बर्बाद करने की ओर धकेलने में जुटी है. उन्होंने कहा कि कि सरकार अर्थव्यवस्था को शुरू से ही भटकाव देती दिख रही है.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि मोदी सरकार ने नवंबर 2016 में एक हजार और 500 के नोट बंद करके आरबीआई एक्ट के तहत 2 हजार के नोट जारी किए थे. उन्होंने पीएम मोदी को अर्थव्यवस्था को अंधेरी गुफा से निकालने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से उपाय पूछने की भी सलाह दी. सांसद ने कहा कि कर्नाटक चुनाव परिणाम से पीएम मोदी इतना क्षुब्ध हो गए हैं कि वह दिशाहीन सरकार की तरफ से देश की अर्थव्यवस्था तक को दांव पर लगाने का जोखिम उठा रहे हैं. अर्थव्यवस्था को बर्बादी में डालकर प्रधानमंत्री का जापान पहुंचना भी अत्यंत दुखदायी है.
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