प्रतापगढ़: कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने उत्तर प्रदेश में अघोषित बिजली संकट को लेकर प्रदेश सरकार की विफलता पर बड़ा हमला बोला है. उन्होनें केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा नेहरू मेमोरियल के नामकरण में परिवर्तन को सरकार की राजनीति में मर्यादा के विपरीत जलन, ईर्ष्या व हीन भावना की पराकाष्ठा करार दिया है.
दरअसल, प्रमोद तिवारी आज शनिवार को जनपद के कुम्भीआइमा के सबाना बाबा मजार पहुंचे थे. जहां चादरपोशी कर मुल्क की सलामती की दुआ मांगी. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में बद से बदतर हो रही विद्युत आपूर्ति को लेकर कहा कि अभूतपूर्व बिजली कटौती से इस समय त्राहि त्राहि है. भीषण गर्मी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. नहरों में पानी न होने के कारण सिंचाई के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है.
सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सिंचाई के अभाव में समय रहते धान की नर्सरी नहीं डाली गई तो किसानों को क्षति होगी. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाषण से बिजली गिरा तो सकते हैं पर बिजली बना नहीं सकते. जुमलों या गरम भाषणों से गुस्सा दिखाकर सरकार सुर्खियां बटोर सकती है, लेकिन इस जवाबदेही से वह नहीं बच सकती है. प्रदेश में 6 सालों से सत्ता में मौजूद भाजपा ने अब तक कितने थर्मल पावर प्लांट लगाए हैं.
प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार यह भी बताए कि बिजली का उत्पादन कहां तक बढ़ाया या फिर कितने सौर ऊर्जा के प्लांट लगाए गए हैं व इन सालों में प्रदेश में बिजली की कितनी मांग बढ़ी है और प्रदेश में बिजली के उत्पादन और बिजली की मांग को सार्वजनिक करें.
तिवारी ने कहा कि बिजली के बिल का थोड़ा सा भी बकाया रहने पर गरीब से गरीब उपभोक्ताओं को बिजली के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. सरकार के स्टॉक में ट्रांसफार्मर उपलब्ध नही हैं. उन्होने बिजली कुप्रबंधन के चलते ओवरलोडिंग के कारण नगरीय क्षेत्र के साथ खास कर ग्रामीण क्षेत्रों व कस्बों में ट्रांसफार्मर के जल उठने पर इन्हें कई दिन तक न बदले जाने को भी सीधे प्रदेश सरकार की विफलता कहा है.
प्रमोद तिवारी ने चुनाव के अंतिम साल में भ्रमण पर निकले भाजपा के सांसदों से भी जवाबदेही के लिए कहा है कि वह 9 साल की उपलब्धियों का जब गाना गा रहे हैं तो जनता को यह भी बताए कि प्रदेश में कितने नए थर्मल पावर प्लांट लगाए गए हैं.
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा नेहरू मेमोरियल से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के नेहरू नाम के परिवर्तन को भाजपा की देश को विकास का ढांचा देने वाले पं. नेहरू के नाम से जलन तथा ईर्ष्या व हीन भावना की पराकाष्ठा कहा है.
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