प्रतापगढ़. निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह को बुधवार को एमपी-एमएलए एसटीसी कोर्ट की ओर से फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में 7 वर्ष की कैद और ₹25000 का अर्थदंड लगाया गया था. यही नहीं, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह को जेल भी जाना पड़ा था.
इसी के चलते गुरुवार को अक्षय प्रताप सिंह अधिवक्ता पूर्व डीजीसी सचिंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए न्याय मांगा. इस पर कोर्ट ने पूरे मामले पर स्थगन आदेश देते हुए एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है.
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सेशन कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की. इसमें अभियोजन पक्ष द्वारा दी गई दलील पर एक बार फिर से सुनवाई हुई. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि आज भी शस्त्र लाइसेंस रिनुअल हो रहा है और उसे निरस्त नहीं किया गया है.
बताया कि जिस पते पर लाइसेंस लिया गया है, उस पते की कई बार जांच हो चुकी है. इसमें कोई तथ्य छुपाया नहीं गया था. इसी आधार पर सेशन कोर्ट ने दोषी करार दिए गए अक्षय प्रताप सिंह गोपाल को न सिर्फ जमानत दी बल्कि एमपी/एमएलए/एफटीसी कोर्ट द्वारा दी गई 7 साल की सजा पर भी स्टे लगा दिया.
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वहीं, जमानत मंजूर होने के बाद जिला जेल से रिहा हुए निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी के बाहर आते ही उनके समर्थकों का जमावड़ा उमड़ पड़ा. इस दौरान समर्थकों ने उनका स्वागत करते हुए बधाई दी.
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