प्रतापगढ़: लॉकडाउन की वजह से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के ठेकेदार संवेदनहीन नजर आ रहे हैं. निर्माण में लगे सैकड़ों मजदूरों को खुराक का भी पैसा नहीं मिल रहा है. निर्माण कार्य में बंगाल, झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत उत्तर प्रदेश के मजदूर लगाए गए हैं. आवागमन बन्द होने से मजदूर अपने घर भी नहीं जा सकते हैं. वहीं ठेकेदारों के पास मजदूरों का आधार कार्ड भी जमा है.
कम्पनी में कुल 13 ठेकेदार कर रहे हैं काम
नगर कोतवाली के पूरे केशवराय में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है. इसके निर्माण की जिम्मेदारी सरकार ने राजकीय निर्माण निगम को दी है. राजकीय निर्माण निगम ने आंध्रा की कम्पनी शिवांश इंफ्रा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दे रखा है. इस कम्पनी में कुल 13 ठेकेदार काम कर रहे हैं.
मजदूरों को नहीं मिला पूरा पैसा
ठेकेदारों के मातहत लगभग एक हजार मजदूर काम कर रहे हैं. आधे मजदूर होली के पर्व पर अपने घरों को जा चुके हैं. लगभग आधे मजदूर अस्थाई बस्ती में रहकर निर्माण कार्य को गति देने में जुटे हुए थे. लॉकडाउन के बाद मजदूरों के मुखिया के हाथों हजार-पांच सौ रुपये देकर ठेकेदार फरार गए.
मजदूरों पर रोटी का संकट
लॉकडाउन के चार दिन बीतने के बाद ही मजदूरों के हाथ खाली हो गए. मजदूर बाल-बच्चों के साथ काम पर लगे हैं. लेकिन अब इनके यहां चूल्हा जलना भी मुश्किल हो गया है. मजदूरों पर रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सबसे ज्यादा दिक्कत इनके साथ रह रहे बच्चों को झेलनी पड़ रही है.