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लॉकडाउनः दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में दिहाड़ी मजदूर परेशान हैं. लॉकडाउन के कारण उन्हें काम नहीं मिल रहा. खाने और दवा तक के पैसे नहीं बचे हैं.

प्रतापगढ़
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Published : May 15, 2021, 6:01 PM IST

Updated : May 15, 2021, 6:38 PM IST

प्रतापगढ़ः जिले में लॉकडाउन के दौरान दर्जनों की संख्या में मजदूर सड़क पर काम पाने का इंतजार करते दिखे. लॉकडाउन होने की वजह से रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन का आम लोग पालन भी कर रहे हैं, लेकिन घंटाघर चौक पर मजदूर काम पाने के लिए सड़क किनारे इकट्ठे हो जाते हैं. लॉकडाउन होने की वजह से रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट है.

मजदूर परेशान
काम नहीं मिल पा रहा, घर से बाहर निकले मजदूर
लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलना मना होता है लेकिन चौक घंटाघर के पास शनिवार को दर्जनों की संख्या में मजदूर घर से बाहर निकल आए. राजेंद्र ने कहा कि इस लॉकडाउन में अपना पेट पालना बड़ा मुश्किल हो रहा है क्योंकि काम के लिए रोज आते हैं, काम मिलता ही नहीं लेकिन मजबूरन यहां काम ढूंढने के लिए आना पड़ता है. अगर हम काम नहीं करेंगे, तो परिवार का पेट कैसे भरेगा.

थाना कंधई इलाके से चौक घंटाघर पर पहुंचे मदन चंद ने कहा मजदूरी, हमारी मजबूरी है. लॉकडाउन की वजह से काम धंधे पूरी तरीके से खराब है. जो 100-200 रुपये कमा रहे थे, वह आज नहीं कमा पा रहे हैं. 100- 50 का भी काम नहीं मिल पा रहा है. हफ्ते में दो-तीन दिन का काम मिलता है, उसी में अपना खर्च चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बारे में मालूम है, लेकिन घर में बच्चे बीमार हैं, दवाई के पैसे नहीं हैं. सरकार मजदूर के घर कुछ देने नहीं आती है. खाने-पीने का इंतजाम स्वयं करना पड़ता है. अगर सरकार खाने और दवाई के लिए पैसे दे रही होती, तो हमें मजदूरी के लिए बाहर नहीं निकलना पड़ता.

इसे भी पढ़ेंः अब 23 जिलों में होगा वैक्सीनेशन, पंजीकरण के लिए कल खुलेगा पोर्टल

29 अप्रैल से चल रहा है लॉकडाउन
गौरतलब है कि योगी सरकार ने पहले साप्ताहिक अवकाश पर लॉकडाउन की घोषणा की थी. बाद में 29 अप्रैल को चार दिन के लॉकडाउन की घोषणा की गई. इसे लगातार बढ़ाया जाता रहा. फिलहाल 17 मई तक लॉकडाउन की घोषणा है.

प्रतापगढ़ः जिले में लॉकडाउन के दौरान दर्जनों की संख्या में मजदूर सड़क पर काम पाने का इंतजार करते दिखे. लॉकडाउन होने की वजह से रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन का आम लोग पालन भी कर रहे हैं, लेकिन घंटाघर चौक पर मजदूर काम पाने के लिए सड़क किनारे इकट्ठे हो जाते हैं. लॉकडाउन होने की वजह से रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट है.

मजदूर परेशान
काम नहीं मिल पा रहा, घर से बाहर निकले मजदूर
लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलना मना होता है लेकिन चौक घंटाघर के पास शनिवार को दर्जनों की संख्या में मजदूर घर से बाहर निकल आए. राजेंद्र ने कहा कि इस लॉकडाउन में अपना पेट पालना बड़ा मुश्किल हो रहा है क्योंकि काम के लिए रोज आते हैं, काम मिलता ही नहीं लेकिन मजबूरन यहां काम ढूंढने के लिए आना पड़ता है. अगर हम काम नहीं करेंगे, तो परिवार का पेट कैसे भरेगा.

थाना कंधई इलाके से चौक घंटाघर पर पहुंचे मदन चंद ने कहा मजदूरी, हमारी मजबूरी है. लॉकडाउन की वजह से काम धंधे पूरी तरीके से खराब है. जो 100-200 रुपये कमा रहे थे, वह आज नहीं कमा पा रहे हैं. 100- 50 का भी काम नहीं मिल पा रहा है. हफ्ते में दो-तीन दिन का काम मिलता है, उसी में अपना खर्च चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बारे में मालूम है, लेकिन घर में बच्चे बीमार हैं, दवाई के पैसे नहीं हैं. सरकार मजदूर के घर कुछ देने नहीं आती है. खाने-पीने का इंतजाम स्वयं करना पड़ता है. अगर सरकार खाने और दवाई के लिए पैसे दे रही होती, तो हमें मजदूरी के लिए बाहर नहीं निकलना पड़ता.

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29 अप्रैल से चल रहा है लॉकडाउन
गौरतलब है कि योगी सरकार ने पहले साप्ताहिक अवकाश पर लॉकडाउन की घोषणा की थी. बाद में 29 अप्रैल को चार दिन के लॉकडाउन की घोषणा की गई. इसे लगातार बढ़ाया जाता रहा. फिलहाल 17 मई तक लॉकडाउन की घोषणा है.

Last Updated : May 15, 2021, 6:38 PM IST
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