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एंबुलेंस न मिलने पर टेंपो से ले जाना पड़ा शव, भाजपा विधायक ने कहा- सीएम से करेंगे शिकायत

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जिला अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई. परिजनों को उसका शव टेंपो में रखकर ले जाना पड़ा.

प्रतापगढ़
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Published : May 16, 2021, 7:02 PM IST

प्रतापगढ़ः जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं इस कदर चरमरा गई हैं कि कोरोना संदिग्ध की मौत के बाद शव वाहन तक नहीं मिला. परिजन टेंपो में शव रखकर घर के लिए निकल पड़े. वहीं, जब बात रानीगंज विधायक धीरज ओझा तक पहुंची तो उन्होंने कहा कि वह सीएम योगी को मामले में पत्र लिखकर शिकायत करेंगे.

टेंपो से ले जाना पड़ा शव

ये है पूरा मामला
जिले में शनिवार रात एक कोरोना संदिग्ध को जिला अस्पताल लाया गया था. मरीज रानीगंज निवासी व्यक्ति था, जिसे सांस लेने में तकलीफ थी. उसकी कोरोना जांच होने से पहले ही मौत हो गई. परिजनों को शव ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला. परिजन डॉक्टर से वाहन की मांग करते रहे, डॉक्टर बार-बार परिजनों को इमरजेंसी गेट पर लिखे शव वाहन के चालक के नंबर पर फोन करने के लिए कहते रहे. डेढ़ घंटे बाद भी उन्हें शव वाहन नहीं मिला. काफी प्रयास करने के बाद भी असफल रहे तो मजबूरी में घरवाले टेंपो में शव रखकर 30 किलोमीटर दूर स्थित घर ले गए. टेंपो के लिए गरीब घरवालों को एक हजार रुपये खर्च करने पड़े.

ये बोले सीएमएस
सीएमएस डॉ. पीपी पांडे ने बताया कि शासन की ओर से दो शव वाहन मिले हैं. दोनों वाहन व्यस्त रहे होंगे, जिससे मृतक के परिजनों को शव वाहन उपलब्ध नहीं हो सका.

इसे भी पढ़ेंः गंगा में मिल रहे शवों को कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बताया चिंताजनक

विधायक नाराज
मौके पर पहुंचे रानीगंज विधायक ने भी इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हम इस मामले को लेकर के मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे. जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि डॉक्टर बाहर से दवा लिख रहे हैं, जबकि अंदर दवा मौजूद हैं. हम इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले को संज्ञान में रखेंगे.

प्रतापगढ़ः जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं इस कदर चरमरा गई हैं कि कोरोना संदिग्ध की मौत के बाद शव वाहन तक नहीं मिला. परिजन टेंपो में शव रखकर घर के लिए निकल पड़े. वहीं, जब बात रानीगंज विधायक धीरज ओझा तक पहुंची तो उन्होंने कहा कि वह सीएम योगी को मामले में पत्र लिखकर शिकायत करेंगे.

टेंपो से ले जाना पड़ा शव

ये है पूरा मामला
जिले में शनिवार रात एक कोरोना संदिग्ध को जिला अस्पताल लाया गया था. मरीज रानीगंज निवासी व्यक्ति था, जिसे सांस लेने में तकलीफ थी. उसकी कोरोना जांच होने से पहले ही मौत हो गई. परिजनों को शव ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला. परिजन डॉक्टर से वाहन की मांग करते रहे, डॉक्टर बार-बार परिजनों को इमरजेंसी गेट पर लिखे शव वाहन के चालक के नंबर पर फोन करने के लिए कहते रहे. डेढ़ घंटे बाद भी उन्हें शव वाहन नहीं मिला. काफी प्रयास करने के बाद भी असफल रहे तो मजबूरी में घरवाले टेंपो में शव रखकर 30 किलोमीटर दूर स्थित घर ले गए. टेंपो के लिए गरीब घरवालों को एक हजार रुपये खर्च करने पड़े.

ये बोले सीएमएस
सीएमएस डॉ. पीपी पांडे ने बताया कि शासन की ओर से दो शव वाहन मिले हैं. दोनों वाहन व्यस्त रहे होंगे, जिससे मृतक के परिजनों को शव वाहन उपलब्ध नहीं हो सका.

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विधायक नाराज
मौके पर पहुंचे रानीगंज विधायक ने भी इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हम इस मामले को लेकर के मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे. जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि डॉक्टर बाहर से दवा लिख रहे हैं, जबकि अंदर दवा मौजूद हैं. हम इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले को संज्ञान में रखेंगे.

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