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प्रतापगढ़: घनश्याम ने कोरोना काल में किया था कमाल, अब मिला ये सम्मान

प्रतापगढ़ के रहने वाले घनश्याम यादव को लॉकडाउन में एथलेटिक्स के खिलाड़ियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन कोचिंग देने के लिए कोरोना योद्धा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिला है. घनश्याम यादव अपने सामाजिक कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं. इसके पहले भी उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

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घनश्याम यादव भोपाल में कोच के पद पर तैनात हैं.
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Published : Nov 12, 2020, 8:24 PM IST

प्रतापगढ़: धनतेरस पर एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव को कोरोना योद्धा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया है. घनश्याम यादव ने कोरोना महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन में खिलाड़ियों की मदद की नई मिसाल कायम की थी. वे खिलाड़ियों ऑनलाइन कोचिंग दे रहे थे.

सामाजिक कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं घनश्याम यादव

मान्धाता के जददूपुर के निवासी घनश्याम यादव ने लॉकडाउन में एथलेटिक्स के खिलाड़ियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन कोचिंग दी. वे 'खेलो इंडिया' और 'फिट इंडिया' अभियान को लॉकडाउन के दौरान लगातार सफल बना रहे थे. इसका उदाहरण बबीता पटेल, करन सरोज और संदीप सरोज हैं. एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव अपनी लोकप्रिय कार्यशैली और सामाजिक कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं. घनश्याम यादव मौजूदा समय में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित तांत्या टोपे स्टेडियम, टीटी नगर भोपाल में कोच हैं.

पहले भी किया जा चुका है सम्मानित

घनश्याम यादव के परिश्रम और शिक्षा को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें खेल दिवस पर सम्मानित किया था. उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक भी सम्मानित कर चुके हैं. लॉकडाउन के दौरान इनकी लगनशीलता को देखते हुए धर्मा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट ने कोरोना योद्धा अंतरराष्ट्रीय सम्मान पत्र देकर एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव को सम्मानित किया. अंतरराष्ट्रीय कला संगीत परिषद ने कोरोना योद्धा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया. एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव को पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, कैबिनेट मंत्री मोती सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवाकांत ओझा आदि राजनेता भी सम्मानित कर चुके हैं.

प्रतापगढ़: धनतेरस पर एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव को कोरोना योद्धा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया है. घनश्याम यादव ने कोरोना महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन में खिलाड़ियों की मदद की नई मिसाल कायम की थी. वे खिलाड़ियों ऑनलाइन कोचिंग दे रहे थे.

सामाजिक कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं घनश्याम यादव

मान्धाता के जददूपुर के निवासी घनश्याम यादव ने लॉकडाउन में एथलेटिक्स के खिलाड़ियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन कोचिंग दी. वे 'खेलो इंडिया' और 'फिट इंडिया' अभियान को लॉकडाउन के दौरान लगातार सफल बना रहे थे. इसका उदाहरण बबीता पटेल, करन सरोज और संदीप सरोज हैं. एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव अपनी लोकप्रिय कार्यशैली और सामाजिक कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं. घनश्याम यादव मौजूदा समय में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित तांत्या टोपे स्टेडियम, टीटी नगर भोपाल में कोच हैं.

पहले भी किया जा चुका है सम्मानित

घनश्याम यादव के परिश्रम और शिक्षा को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें खेल दिवस पर सम्मानित किया था. उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक भी सम्मानित कर चुके हैं. लॉकडाउन के दौरान इनकी लगनशीलता को देखते हुए धर्मा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट ने कोरोना योद्धा अंतरराष्ट्रीय सम्मान पत्र देकर एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव को सम्मानित किया. अंतरराष्ट्रीय कला संगीत परिषद ने कोरोना योद्धा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया. एथलेटिक के राष्ट्रीय कोच घनश्याम यादव को पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, कैबिनेट मंत्री मोती सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवाकांत ओझा आदि राजनेता भी सम्मानित कर चुके हैं.

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