प्रतापगढ़: जनपद के बाघराय हत्याकांड मामले में नया मोड़ सामने आया है. मामले में पहली बार हत्यारोपी की पत्नी मीडिया के सामने आकर सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है. साथ ही इसे राजनीतिक साजिश बताया और जबरन फंसाने का आरोप लगाया है.
दरअसल, पूरा मामला जिले के बाघराय थाना क्षेत्र के रोर गांव का है. जहां बीते मंगलवार को बिहार ब्लॉक परिसर में प्रधान प्रतिनिधि संतोष पांडेय और पूर्व प्रधान रन बहादुर सिंह के बीच आवास आवंटन को लेकर विवाद हो गया था. मामले में दोनों पक्षों के समर्थक आमने-सामने आ गए थे. जमकर मारपीट हुई थी. जिसमें प्रधान प्रतिनिधि संतोष पाण्डेय समेत उनके बड़े भाई उमेश पाण्डेय और उनकी बुजुर्ग मां घायल हो गई थीं. घटना के बाद पुलिस पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले गई. दोनों का शांतिभंग में चालान किया गया. दोनों पक्षों का घर आमने सामने ही है, उनमें फिर से विवाद न हो इसके लिए दोनों के घर के सामने पुलिस बल तैनात कर दिया गया था.
लेकिन, बुधवार रात प्रधान प्रतिनिधि संतोष पाण्डेय के भाई उमेश पाण्डेय का बेटा विशाल पाण्डेय की फाफामऊ के शांतिपुरम से लौटते वक्त कथित तौर पर हत्या कर दी गई. परिजनों ने रन बहादुर सिंह, समर बहादुर सिंह, पवन कुमार सिंह समेत 7 लोगों पर बेटे की पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगाया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 3 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
घटना को लेकर हत्यारोपी की पत्नी ने मामले को पूरी तरह से फर्जी बताया है. उन्होंने बताया कि जिस समय हत्या की बात कही जा रही है, उस समय उनके परिवार के सभी सदस्य घर में थे. घर के सामने 20 अधिक पुलिस और पीएसी के जवान तैनात थे. ऐसे में जब घर से कोई बाहर ही नहीं निकला तो हत्या कैसे हो गई? उन्होंने कहा कि घर से कोई बच्चा बाहर नहीं निकला, बच्चा स्कूल नहीं गया.
हत्यारोपी के घर की महिलाओं ने कहा कि अगर पुलिस वाले मौजूद न होते तो हम लोगों के साथ वो लोग (प्रधान प्रतिनिधि पक्ष) कुछ भी कर सकते थे. उनका आरोप है कि 25-30 हथियार बंद लोग घर पर आए और जमकर उत्पात मचाया. 20 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद भी वे लोग घर के सामने खड़ी कार, बुलेट तोड़ दिया. घर तोड़ दिए, गाली दे रहे थे, औरतों को गाली दे रहे थे. घर में आग लगाने की कोशिश की और दरवाजा तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद पुलिस को फोन किया तो पुलिस आई मेरी पति, ज्येठ और ससुर को लेकर चली गई.
वहीं, मामले में आरोपी समर बहादुर सिंह की पत्नी ने बताया कि उसकी एक बेटी कैंसर से पीड़ित है, जिस कारण उसका एक पैर डॉक्टरों ने काट दिया है. सीने में भी गांठ है, जिसके ऑपरेशन की बात चल रही थी कि अब ये घटना हो गई. समर बहादुर की पत्नी ने कहा कि अगर मेरे पति ने हत्या की हो तो उन्हें फांसी दे दो, लेकिन निर्दोष क्यों फंसाकर जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि वे पूरे समय घर पर थे. हत्या मेरे पति ने की ही नहीं की. मेरी बेटी का इलाज कराने वाला कोई नहीं, वह दर्द से कराह रही है. वह उसका ख्याल रखते तब जाकर मैं घर का काम कर पाती थी.
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