प्रतापगढ़ः बिहार से शुरू हुए रामचरितमानस विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उसके बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के टिप्पणी के लेकर विरोध लगातार जारी है. इसी बीच जिले के रानीगंज विधानसभा से सपा विधायक आरके वर्मा ने भी रामचरितमानस को लेकर विवादित ट्वीट किया. जिसको लेकर मंगलवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा ने विधायक की शव यात्रा निकालते हुए उनका पुतला दहन किया.
भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष अंशुमान सिंह ने आरके वर्मा के बयान पर विरोध जताते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और उनके विधायक आपत्तिजनक शब्दावली का प्रयोग करके हिंदू संस्कृति और हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं. ऐसा कृत्य ये लोग चुनाव में वोट की राजनीति के लिए कर रहे हैं. इसमें अखिलेश यादव भी शामिल हैं.
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तुलसीदास भेदभाव, ऊँचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे, जिनकी रामचरित मानस की अनेको चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं, उससे आज का पिछड़ा,अनुसूचित, महिला व संत समाज अपमानित होता है, ऐसी चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को छात्रों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए। pic.twitter.com/HuqUc0sdUA
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— Dr. R. K. Verma mla (@DrRKVermamla2) January 30, 2023
भाजयुमो जिला अध्यक्ष ने यह भी कहा कि रामचरितमानस को लेकर जो आपत्ति जता रहे हैं, ये लोग जब चुनाव आता है तभी बोलते हैं. इसके पहले इनको कोई आत्मज्ञान प्राप्त होता नहीं होता और न ही ये कुछ कहना चाहते हैं. जब चुनाव नजदीक आता है तभी ये ऐसा कृत्य करते हैं. ऐसे लोग हिंदू समाज में पैदा हुए हैं और देवी-देवातओं, रामचरितमानस को फाड़ रहे हैं तो वो राक्षसी प्रवृत्ति के लोग हैं. ऐसे लोगों का समाज से बहिष्कार होना चाहिए. भाजयुमो जिला अध्यक्ष ने कहा कि मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई है.
गौरतलब है कि सोमवार को रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक ने आरके वर्मा ने भी रामचरितमानस को लेकर एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए रामचरितमानस से कुछ चौपाइयों को हटाए जाने की मांग की थी. वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, "तुलसीदास भेदभाव, ऊँचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे, जिनकी रामचरित मानस की अनेको चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं, उससे आज का पिछड़ा,अनुसूचित, महिला व संत समाज अपमानित होता है. ऐसी चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को छात्रों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए."
विधायक आरके वर्मा ने इसके साथ ही स्कूलों के पाठ्यक्रम से भी तुलसीदास को हटाया जाने की बात कही. वहीं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते. सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है.
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