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प्रतापगढ़: सींच पर्यवेक्षकों की फर्जी नियुक्ति में रिटायर्ड एक्सईन पर चलेगा मुकदमा

प्रतापगढ़ जिले में साल 2011 में सिंचाई विभाग में हुए भर्ती घोटाले को सीएम ने संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है. सीएम द्वारा कार्रवाई के आदेश के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. सीएम ने दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

सांकेतिक चित्र.
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Published : Oct 13, 2020, 11:03 AM IST

प्रतापगढ़: सिंचाई विभाग में हुए भर्ती घोटाले को सीएम ने संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सिचाई विभाग में फर्जी ढंग से सींच पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. कोमल त्रिपाठी अब रिटायर हो चुके हैं. इसके अलावा आरोपी 9 फर्जी सींच पर्यवेक्षकों और तीन अन्य विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा चलेगा.

वर्ष 2011 में सिंचाई खंड, प्रतापगढ़ में फर्जी तरीके से 9 सींच पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी. जबकि पद स्वीकृत नहीं थे. फिर भी नियुक्ति करके वेतन दिया जाने लगा. मामला उजागर होने पर एफआईआर दर्ज कराई गई. वेतन भुगतान भी रोक दिया गया. 9 में से 8 सींच कार्यवेक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सतर्कता अधिष्ठान से खुली जांच कराने का आदेश दिया. जांच में अनियमितता की पुष्टि हुई थी. इसके अलावा उक्त नियुक्तियों को तत्काल रद्द करने की सिफारिश भी की गई थी. जांच में तत्कालीन अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी व एक अभियन्ता (दिवंगत) के अलावा तीन विभागीय कर्मचारियों को फर्जीवाड़े का दोषी पाया गया है.

ये हैं गलत नियुक्तियां पाने वाले सींच पर्यवेक्षक

कमलेश कुमार, सुशील कुमार, विकास सिंह भदौरिया, राजीव कुमार दूबे, विपुल कुमार शुक्ला, रामपूजन शर्मा, रोहित सिंह, प्रमोद कुमार सिंह व जय प्रकाश इन सभी की नियुक्तियां फर्जी पाई गईं हैं. रिटायर्ड अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी द्वारा की गई. इस फर्जी नियुक्ति को लेकर जांच पहले भी हुई थी, लेकिन कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हुई. सीएम द्वारा कार्रवाई के आदेश के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. इस जांच के दायरे में अभी भी कई कर्मचारी हैं, जो तैनात हैं. जिसमें कार्यालय अधीक्षक रामसहाय गौतम, कनिष्ठ सहायक शिवपूजन शर्मा शामिल हैं. इनका नाम भी मुकदमा दर्ज होने वालों की लिस्ट में शामिल है.

प्रतापगढ़: सिंचाई विभाग में हुए भर्ती घोटाले को सीएम ने संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सिचाई विभाग में फर्जी ढंग से सींच पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. कोमल त्रिपाठी अब रिटायर हो चुके हैं. इसके अलावा आरोपी 9 फर्जी सींच पर्यवेक्षकों और तीन अन्य विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा चलेगा.

वर्ष 2011 में सिंचाई खंड, प्रतापगढ़ में फर्जी तरीके से 9 सींच पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी. जबकि पद स्वीकृत नहीं थे. फिर भी नियुक्ति करके वेतन दिया जाने लगा. मामला उजागर होने पर एफआईआर दर्ज कराई गई. वेतन भुगतान भी रोक दिया गया. 9 में से 8 सींच कार्यवेक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सतर्कता अधिष्ठान से खुली जांच कराने का आदेश दिया. जांच में अनियमितता की पुष्टि हुई थी. इसके अलावा उक्त नियुक्तियों को तत्काल रद्द करने की सिफारिश भी की गई थी. जांच में तत्कालीन अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी व एक अभियन्ता (दिवंगत) के अलावा तीन विभागीय कर्मचारियों को फर्जीवाड़े का दोषी पाया गया है.

ये हैं गलत नियुक्तियां पाने वाले सींच पर्यवेक्षक

कमलेश कुमार, सुशील कुमार, विकास सिंह भदौरिया, राजीव कुमार दूबे, विपुल कुमार शुक्ला, रामपूजन शर्मा, रोहित सिंह, प्रमोद कुमार सिंह व जय प्रकाश इन सभी की नियुक्तियां फर्जी पाई गईं हैं. रिटायर्ड अधिशासी अभियंता कोमल त्रिपाठी द्वारा की गई. इस फर्जी नियुक्ति को लेकर जांच पहले भी हुई थी, लेकिन कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हुई. सीएम द्वारा कार्रवाई के आदेश के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. इस जांच के दायरे में अभी भी कई कर्मचारी हैं, जो तैनात हैं. जिसमें कार्यालय अधीक्षक रामसहाय गौतम, कनिष्ठ सहायक शिवपूजन शर्मा शामिल हैं. इनका नाम भी मुकदमा दर्ज होने वालों की लिस्ट में शामिल है.

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