पीलीभीत : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ा. उनके हमलों से परेशान लोग अभी संभल भी नहीं पाए थे कि इसी बीच यहां मगरमच्छों का आतंक भी शुरू हो गया. बीते एक महीने के अंदर मगरमच्छ के हमलों में तीन लोगों की जान चली गई. इससे स्थानीय लोगों में डर व्याप्त हो गया है.
बुधवार देर शाम सेमरखेड़ा गांव के लीलाधर का 15 वर्षीय पुत्र ओमप्रकाश खकरा नदी पर भैंस को पानी पिलाने गया था. उसकी छोटी बहन शिवानी भी उसके साथ थी. खकरा नदी से अचानक बाहर निकले मगरमच्छ ने ओम प्रकाश को पानी में खींच लिया. इसके बाद किशोर ने खुद को बचाने के लिए चीखना शुरू किया. बेबस छोटी बहन आस-पास मौजूद ग्रामीणों से मदद की गुहार लगाती रही लेकिन कोई मदद नहीं कर सका. देखते ही देखते ओमप्रकाश छोटी बहन की आंखों से ओझल हो गया. मगरमच्छ उसे पानी में खींच ले गया.
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एक महीने में तीन घटनाएं
पीलीभीत अक्सर बाघ हमले को लेकर सुर्खियों में रहता था लेकिन बीते एक महीने में मगरमच्छ के हमलों से दहशत व्याप्त हो गयी है. लोग अब बाघ से कम और मगरमच्छ से ज्यादा डरने लगे हैं. दहशत का आलम यह है कि नदी के किनारे जाने से ग्रामीण एक दूसरे को रोकते नजर आते हैं. वहीं, जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले पर चुप्पी साध कर बैठे हैं.
युवक को बनाया था निशाना
18 जून को पीलीभीत के न्यूरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव में 2 दिन से लापता युवक का शव नहर में बरामद हुआ था. शव मगरमच्छ द्वारा आधा खाया हुआ था.
भैंस को नहलाने गए मासूम पर किया था हमला
न्यूरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव रूरा रामनगर का 12 वर्षीय डोरीलाल भैंस को नहलाने नदी में गया था. इस दौरान मगरमच्छ ने मासूम को अपना निवाला बना लिया. इसके बाद शहर से सटी केजीएन कॉलोनी में मासूम का शव नदी में बरामद हुआ था.