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वरुण गांधी ने सुनाई यह खूबसूरत शायरी तो झूम उठे लोग

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Published : Mar 29, 2019, 6:44 PM IST

शुक्रवार को पीलीभीत में वरुण गांधी नामांकन पर्चा दाखिल करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से मुलाकात की. साथ ही एक शायरी भी सुनाई. शायरी सुनकर लोग वाह-वाह कर उठे और तालियां भीं बजाईं.

वरुण गांधी ने सुनाई शायरी

पीलीभीत: नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद वरुण गांधी ने यशवंतरी मंदिर में पहुंचकर माता का आशीर्वाद लिया. माता दर्शन के बाद वरुण गांधी ने अपने समर्थकों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मशहूर शायर मुनव्वर राना की एक शायरी सुनाई, जिससे वहां मौजूद लोग झूम उठे.

वरुण गांधी ने सुनाई शायरी

जनता का अभिवादन करते हुए कहा कि पीलीभीत से ही हमारी पहचान है. पहली बार जीत मैंने पीलीभीत से ही दर्ज की थी. अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए वरुण गांधी ने पीलीभीत वासियों को एक खूबसूरत सी शायरी सुनाई. तो पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. शायर मुनव्वर राना की लाइनों के अल्फाज कुछ यूं हैं -

हम सायादार पेड़ ज़माने के काम आए,
सूखने लगे तो जलाने के काम आए.
तलवार की म्यान को कभी फेंकना नहीं,
मुमकिन है कभी दुश्मनों को डराने के काम आए.
कच्चा समझ के बेच न देना घर अपना,
हो सके कि बरसात में मुंह छुपाने के काम आए.

शायरी सुनने के बाद हजारों की संख्या में पहुंची जनता खुशी से झूम उठी और वाह-वाह करने लगी. शायरी के बाद वरुण गांधी और भारत माता की जय के नारे भी लगे.

पीलीभीत: नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद वरुण गांधी ने यशवंतरी मंदिर में पहुंचकर माता का आशीर्वाद लिया. माता दर्शन के बाद वरुण गांधी ने अपने समर्थकों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मशहूर शायर मुनव्वर राना की एक शायरी सुनाई, जिससे वहां मौजूद लोग झूम उठे.

वरुण गांधी ने सुनाई शायरी

जनता का अभिवादन करते हुए कहा कि पीलीभीत से ही हमारी पहचान है. पहली बार जीत मैंने पीलीभीत से ही दर्ज की थी. अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए वरुण गांधी ने पीलीभीत वासियों को एक खूबसूरत सी शायरी सुनाई. तो पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. शायर मुनव्वर राना की लाइनों के अल्फाज कुछ यूं हैं -

हम सायादार पेड़ ज़माने के काम आए,
सूखने लगे तो जलाने के काम आए.
तलवार की म्यान को कभी फेंकना नहीं,
मुमकिन है कभी दुश्मनों को डराने के काम आए.
कच्चा समझ के बेच न देना घर अपना,
हो सके कि बरसात में मुंह छुपाने के काम आए.

शायरी सुनने के बाद हजारों की संख्या में पहुंची जनता खुशी से झूम उठी और वाह-वाह करने लगी. शायरी के बाद वरुण गांधी और भारत माता की जय के नारे भी लगे.

Intro:नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद वरुण गांधी ने यशवंतरी मंदिर में पहुंचकर माता का आशीर्वाद लिया, माता मंदिर पहुंच वरुण गांधी ने यशवंतरी देवी के दर्शन के बाद अपने करीबियों से मिले और हज़ारों की संख्या में पहुंचे समर्थकों का अभिवादन भी किया


Body:जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे आज वरुण गांधी ने नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद अपने भारी समर्थकों के साथ मातेश्वरी मंदिर में पहुंचकर माहेश्वरी का आशीर्वाद लिया अपने करीबियों से मुलाकात की इसके साथ-साथ उन्होंने हजारों की संख्या में पहुंचे समर्थकों का वर्णन करते हुए, वरुण गांधी ने अपने समर्थकों का अभिवादन करते हुए एक साड़ी सुनाइए और शायरी सुनने के बाद पूरे जनता मदहोशी हो उठी,

" आपको बता दें अपनी शायरी में कहा कि
हम श्यादार पेड़ जमाने के काम आए
सूखने लगे तो जलाने के काम आए
तलवारों की म्यान को कभी फेकना नही
मुमकिन हो कभी दुश्मन को डराने के काम आए
कच्चा समझ के बेच न देना घर अपना
हो सके कि बरसात में मुँह छुपाने के काम आए "

शायरी सुनने की बाद हजारों की संख्या में पहुंची जनता मदहोश हो उठी, वरुण गांधी ने जब इस शायरी को सुनाया तो जनता वाह-वाह करने के बाद वरुण गांधी और भारत माता की जय नारे लगाने लगे इतना ही नहीं वरुण गांधी ने अपने अभिवादन में लोगों से कहा कि आज भी हमारी जो पहचान है वह केवल पीलीभीत से है और पीलीभीत तेरे नाम से ही मुझे चारों तरफ जाना जाता है क्योंकि मेरी पहली जीत पीलीभीत से हुई थी



Conclusion:
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