पीलीभीत: यूपी निकाय चुनाव को लेकर पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी में अंदरूनी रार निकलकर सामने आई है. यहां सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे रामसरन वर्मा ने अब खुले मंच पर आकर बीजेपी द्वारा चुनावी मैदान में उतारे गए प्रत्याशी का विरोध करना शुरू कर दिया है. पूर्व राज्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर कहा कि, बिना विचार विमर्श के पार्टी ने गलत प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है. इसके बाद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के ससुर के साथ रिक्शे पर बैठकर कस्बे में वोट के लिए प्रचार-प्रसार किया.
बीसलपुर नगर पालिका परिषद सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शशि जायसवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. शशि जायसवाल को चुनावी मैदान में उतारने के बाद लगातार भाजपा में विरोध के सुर उठने लगे. ऐसे में पूर्व विधायक रामसरन वर्मा पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को चुनाव ना लड़ाने के आरोप लगा रहे थे. लेकिन बुधवार को पूर्व मंत्री ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर कहा कि, वह राजनीति छोड़ चुके हैं. अब उनका केवल जनता से ही सरोकार है. वह सन्यासी हो चुके हैं. अब केवल कपड़े और घर छोड़ना ही बाकी रह गया है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी ने बिना पार्टी में विचार विमर्श किए गलत प्रत्याशी को टिकट आवंटित कर दिया. पार्टी ने जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. पूर्व मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार में उनका बेटा विधायक है. लेकिन उन्हें उसकी कोई परवाह नहीं है. उनके लिए जनता ही सर्वोपरि है. वह अपना जीवन जनता को समर्पित कर चुके हैं. जनता की भावना के खिलाफ जो भी कार्य होंगे. वह उसका विरोध करेंगे. बीसलपुर नगर पालिका की जनता किसी भी कीमत पर विनाश नहीं होने देगी. निर्दलीय प्रत्याशी के ससुर का नाम लेते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि जनता का भाव देखकर उन्हें लग रहा है कि उनके समर्थन वाली ही प्रत्याशी चुनाव जीतेंगी.
पूर्व मंत्री ने कहा कि, वह ऐसे कई दौर देख चुके हैं. जब सत्ता से लेकर जिला प्रशासन द्वारा उन पर दबाव बनवाया गया था. लेकिन वह कभी नहीं झुके. उन्होंने कहा कि वह राजनीति छोड़ चुके हैं. ऐसे में पार्टी द्वारा अनुशासन का हवाला देकर उन्हें ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता है. पूर्व मंत्री ने निर्दलीय प्रत्याशी मीतू जायसवाल के ससुर छेदा लाल जायसवाल के साथ रिक्शे पर बैठकर कस्बे में वोट मांगने निकल पड़े. लेकिन अब भाजपा के ही पूर्व विधायक द्वारा पार्टी के प्रत्याशी का विरोध करने का मामला विपक्षियों के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है.
पूर्व मंत्री द्वारा यह कोई नया मामला नहीं है. इसके पहले भी पूर्व राज्यमंत्री रामसरन वर्मा अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत पर उतर आए थे. जो कि अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ आवारा पशुओं के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठ गए थे.