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बदलते मौसम में यदि सावधानी नहीं बरती तो हो सकती हैं ये घातक बीमारियां - cold

रात और सुबह में हो रही बरसात के साथ हवा के बढ़ने से तापमान काफी गिर जाता है. पिछले तीन दिनों से कोहरा और सर्द हवाओं की वजह से मौसम का रुख बदल रहा है.

इस मौसम में सबसे अधिक निमोनिया और स्वाइन फ्लू के लक्षण होने की संभावना : डॉ सी बी चौरसिया
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Published : Feb 7, 2019, 11:51 PM IST

पीलीभीत : तापमान में बढ़ोतरी होने के बाद अचानक मौसम के बदल जाने से बीमारियों ने लोगों को घेरना शुरू कर दिया है. बदलते मौसम में यदि सावधानी नहीं बरती तो यह घातक हो सकती है. पीलीभीत में पिछले दो दिनों से लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के चलते यहां के लोग वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं.

इस मौसम में सबसे अधिक निमोनिया और स्वाइन फ्लू के लक्षण होने की संभावना : डॉ सी बी चौरसिया
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मौसम को देखकर लोग दोपहर में कम कपड़े पहनते हैं यह घातक साबित हो सकता है. इस बदलते मौसम में कम कपड़े पहनने से सर्दी हो सकती है. इस मौसम में आपको खांसी, बुखार, सांस का फूलना, जुकाम, सर दर्द, निमोनिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यही नहीं इस समय इन सब बीमारी होने के साथ स्वाइन फ्लू के लक्षण भी हो सकते हैं.


जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ सी बी चौरसिया ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ ही बीमारी आती है. सावधानी से बचा जा सकता है. जब भी बाहर जाना हो तो पूरे कपड़े पहन कर जाएं. सिर पर टोपी और गले मे मफलर होना चाहिए. खांसी आने पर व्यक्ति को मुंह पर हाथ रखना चाहिए.


बंद कमरे में खांसी आने पर इसके वायरस अन्य लोगों में भी जा सकते हैं. ऐसे में खुलें कमरे में रहना चाहिए. कोशिश करें कि शाम 6 बजे के बाद और सुबह 10 बजे से पहले घर से ना निकले. इस मौसम में सबसे अधिक निमोनिया और स्वाइन फ्लू के लक्षण होने की संभावना रहती है.

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पीलीभीत : तापमान में बढ़ोतरी होने के बाद अचानक मौसम के बदल जाने से बीमारियों ने लोगों को घेरना शुरू कर दिया है. बदलते मौसम में यदि सावधानी नहीं बरती तो यह घातक हो सकती है. पीलीभीत में पिछले दो दिनों से लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के चलते यहां के लोग वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं.

इस मौसम में सबसे अधिक निमोनिया और स्वाइन फ्लू के लक्षण होने की संभावना : डॉ सी बी चौरसिया
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मौसम को देखकर लोग दोपहर में कम कपड़े पहनते हैं यह घातक साबित हो सकता है. इस बदलते मौसम में कम कपड़े पहनने से सर्दी हो सकती है. इस मौसम में आपको खांसी, बुखार, सांस का फूलना, जुकाम, सर दर्द, निमोनिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यही नहीं इस समय इन सब बीमारी होने के साथ स्वाइन फ्लू के लक्षण भी हो सकते हैं.


जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ सी बी चौरसिया ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ ही बीमारी आती है. सावधानी से बचा जा सकता है. जब भी बाहर जाना हो तो पूरे कपड़े पहन कर जाएं. सिर पर टोपी और गले मे मफलर होना चाहिए. खांसी आने पर व्यक्ति को मुंह पर हाथ रखना चाहिए.


बंद कमरे में खांसी आने पर इसके वायरस अन्य लोगों में भी जा सकते हैं. ऐसे में खुलें कमरे में रहना चाहिए. कोशिश करें कि शाम 6 बजे के बाद और सुबह 10 बजे से पहले घर से ना निकले. इस मौसम में सबसे अधिक निमोनिया और स्वाइन फ्लू के लक्षण होने की संभावना रहती है.

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Intro:तापमान में बढ़ोतरी होने के बाद अचानक से फिर से मौसम के बदल जाने से बीमारियों ने भी आम जनता को घेरना शुरू कर दिया है, बदलते मौसम में यदि सावधानी नहीं बरती तो यह घातक हो सकती है जि हां पीलीभीत मैं पिछले 2 दिनों से लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के चलते यहां के लोग वायरल फीवर का शिकार होते जा रहे हैं, इस बदलते मौसम की वजह से कई बीमारी हमारी गिरफ्त में आ सकती हैं, बुखार, खांसी के साथ ही स्वाइन फ्लू के लक्षण भी हो सकते हैं ऐसे में सावधानी और समय पर इलाज ही बचा सकता है


Body:रात और सुबह में हो रही बरसात के साथ-साथ ठंड हवा में तापमान काफी गिर जाता है पिछले 3 दिनों से कोहरा और सर्द हवाएं मौसम का रुख बदल रही है मौसम का बदलाव लोगों को बीमारी देने लगा है, मौसम के बदलने से बुखार खांसी सहित कई बीमारी की चपेट में लोग आ रहे हैं, मौसम को देखकर लोग दोपहर में कम कपड़े पहनते हैं यह घातक साबित हो सकता है मौसम के बदलाव में कई वायरस लोगों को गिरफ्त में ले सकते हैं इसके लिए मैं कई तरह से सावधानी बरतनी चाहिए

इस बदलते मौसम में कम कपड़े पहनने से सर्दी का असर हो सकता है दिन में भी पर्याप्त कपड़ों को पहनना होगा मौसम में खांसी बुखार सांस का फूलना, ज़ुकाम, सर दर्द, निमोनिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं, यही नहीं इस समय इन सब बीमारी होने के साथ स्वाइन फ्लू के लक्षण भी हो सकते हैं स्वयं के वायरस इस मौसम में भी अधिक होते हैं, बड़ों के साथ ही बच्चों में भी यह बीमारी गंभीर हो सकती है बच्चों को खांसी बुखार आने पर तुरंत ही इलाज कराना चाहिए


Conclusion:इस बदलते मौसम में लगातार वायरल फीवर के बढ़ते प्रकोप पर जब ईटीवी संवाददाता शिवम पोरवाल ने जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ सी बी चौरसिया से बात की तो उन्होंने बताया कि मौसम के बदलाव के साथ ही बीमारी आती है, सावधानी से बचा जा सकता है इसमें जब भी बाहर जाना हो तो पूरे कपड़े पहन कर जाएं , सिर पर टोपा और गले मे मफलर होना चाहिए, खांसी आने पर व्यक्ति को मुंह पर हाथ रखना चाहिए बंद कमरे में खांसी आने पर इसके वायरस अन्य लोगों में भी जा सकते हैं, ऐसे में खुलें कमरे में रहना चाहिए, कोशिश करें कि शाम 6 बजे के बाद और सुबह 10 बजे से पहले घर से ना निकले, जरूरी होने पर ही बाहर आएं इस मौसम में सबसे अधिक निमोनिया और स्वाइन फ्लू के लक्षण होने की संभावना रहती है
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