पीलीभीत: जिले में जल्द ही कुम्हारों के दिन बदलने वाले हैं. प्रदेश सरकार की ओर से माटी कला को बढ़ावा दिए जाने के लिए पारित किए गए प्रस्ताव में जिले का पहला स्थान है. प्रस्ताव के अंतर्गत आधुनिक किचन में उपयोग किए जाने वाले मिट्टी के सुंदर बर्तन और उपकरण बनाए जाएंगे. इन्हें प्रदेश के अन्य जिलों में भी बेचा जाएगा. इसके लिए जिले में एक प्लांट भी लगाया जा रहा है.
- मिट्टी के बर्तन और मूर्तियां बनाने के लिए लगाया जा रहा प्लांट
- प्लांट के लिए प्रदेश सरकार 10 लाख रुपये देगी अनुदान
- जिले के चांदपुरा गांव में लगाया जा रहा है बड़ा प्लांट
केंद्र और राज्य सरकार चाइनीज सामानों के प्रयोग के प्रति सख्त है. देश में चीनी बर्तनों की जगह जल्द ही मिट्टी के बर्तन किचन में प्रयोग में लाए जाएंगे. जिले में मैसर्स माटी कला औद्योगिक सहकारी समिति लिमिटेड और जिला उद्योग केंद्र की तरफ से इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है.
जिले के 12 कुशल कुम्हारों का चयन किया गया है, जो आधुनिक किचन में प्रयोग करने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाएंगे. मैसर्स माटी कला औद्योगिक सहकारी समिति के प्रस्ताव को पूरे प्रदेश में सबसे पहले जिले में प्रस्तावित किया गया है. अधिकारियों के अनुसार क्ले आर्ट कलाकृति के तहत भी मिट्टी के बर्तनों का निर्माण प्लांट में किया जाएगा.
जिले में माटी कला को बढ़ाने के लिए पूरनपुर तहसील के पास चांदपुरा गांव की जमीन को चिह्नित किया गया है. इसमें बड़ा प्लांट लगाया जाएगा, जहां आधुनिक किचन से लेकर कार्यालयों में प्रयोग किए जाने वाले सजावटी सामान और बर्तन तैयार किए जाएंगे. इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
विभिन्न प्रकार के बर्तन और मूर्तियों का होगा निर्माण
जिला उद्योग केंद्र अधिकारी एके दनवार ने बताया कि प्रस्ताव के तहत गांव चांदपुर में बनाए जा रहे प्लांट में किचन में प्रयोग किए जाने वाले मिट्टी के बर्तन बनाए जाएंगे. साथ ही सजावट में प्रयोग किए जाने वाली छोटी-छोटी मूर्तियां के साथ बड़ी मूर्तियां का भी निर्माण किया जाएगा.
वहीं जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी एके गंगवार ने बताया कि जल्द ही जिले के कुम्हारों के दिन बदलने वाले है. शासन की नजर जिले के कुम्हारों पर बनी हुई है. एक प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था. इसमें सरकार ने 10 लाख रुपये अनुदान की मंजूरी दे दी है.