पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में कॉलोनी विकसित करने के लिए हरे-भरे पेड़ों को रातों-रात काटने का मामला सामने आया है. कॉलोनाइजरों की बुधवार की रात पेड़ों की कटाई से प्रशासन में हड़कंप मच गया. सूचना पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए राजस्व टीम को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया है.
हरे-भरे पेड़ों को रातों-रात कटवाया
पूरा मामला नेहरू पार्क के सामने स्थित ग्रीनलैंड की जमीन का बताया जा रहा है. यहां ग्रीनलैंड की भूमि को कॉलोनाइजर लंबे समय से जमीन को खुर्द करने का प्रयास कर रहे थे. कॉलोनाइजरों ने जिला प्रशासन को चुनौती देते हुए बुधवार की रात हरे-भरे पेड़ों का कटवा दिया. इस दौरान प्रशासन को गुमराह करते हुए कॉलोनाइजरों ने सामाजिक वन की प्रभाग से पेड़ काटने के लिए अनुमति भी ले ली. सुबह होने पर जब प्रशासनिक महकमें को ग्रीनलैंड की भूमि पर खड़े पेड़ों का कटान की भनक लगी तो जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई.
अधिकारियों की लापरवाही आई सामने
पीलीभीत राजस्व विभाग टीम की जांच में पाया गया कि जिस स्थान पर पेड़ का कटान हुआ है. वह जमीन ग्रीनलैंड से संबंधित है. इसके साथ ही पास में ही वफ्फ की जमीन भी मौजूद है. जांच के दौरान सामने आया कि पीलीभीत में सामाजिक वानिकी की प्रभाव में तैनात रहे तत्कालीन डीएफओ ने बिना राजस्व विभाग और निर्मित क्षेत्र की रिपोर्ट के पेड़ कटान के लिए परमिट जारी कर दिया था. इस पूरे मामले में जिला उद्यान अधिकारी की लापरवाही सामने आई है. मौके पर प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ भी मौजूद हैं, लेकिन जिला उद्यान अधिकारी ने सभी आम के पेड़ों को कलमी प्रजाति का बताकर अपनी रिपोर्ट सौंप थी.
चर्चित प्रॉपर्टी डीलर का नाम आया सामने
ग्रीनलैंड की जमीन को खुर्द करने के मामले में जिले के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर का नाम सामने आया है. प्रॉपर्टी डीलर के गुर्गे लगातार मौके पर पहुंची जांच टीम को गुमराह करने में लगे हुए हैं.
सिटी मजिस्ट्रेट बोले
सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार सिंह ने इस पूरे मामले में बताया कि ग्रीनलैंड पर खड़े पेड़ों के कटान की जानकारी की सूचना मिली है. ग्रीनलैंड पर लगे पेड़ों के कटान का परमिट कैसे जारी हो गया. इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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