पीलीभीतः जिले में कछुआ संरक्षण केंद्र बनाने की कवायद लगभग पूरी कर ली गई है. कछुआ पर रिसर्च करने वाली टर्टल सरवाइवल एलाइंस की टीम गोमती उद्गम स्थल पहुंची. इस दौरान जिला अधिकारी पुलकित खरे भी मौजूद रहे. जहां जल्द से जल्द जिले में कछुआ संरक्षण केंद्र बनाने की बात कही.
कछुआ संरक्षण केंद्र के लिए तैयारियां पूरी
पीलीभीत कि शान गोमती नदी के उद्गम स्थल पर कछुआ संरक्षण केंद्र की कवायद शुरू की जा चुकी है. ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लेते हुए जिले में कछुआ संरक्षण केंद्र बनाने का फैसला लिया गया है. दरअसल, ईटीवी भारत ने माधोटांडा इलाके में बने गोमती उद्गम स्थल पर कछुआ संरक्षण को लेकर स्पेशल स्टोरी चलाई थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए कछुआ पर रिसर्च करने वाली टर्टल सर्वाइवल एलाइंस की टीम गोमती उद्गम स्थल पहुंची और मौके का निरीक्षण किया.
रिसर्च टीम के साथ पहुंचे डीएम
ईटीवी भारत पर कछुआ संरक्षण केंद्र को लेकर स्पेशल स्टोरी चलने के बाद रिसर्च टीम ने मौके का निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम पुलकित खरे और एसडीएम भी टीम के साथ पहुंचे. इसके अलावा शारदा सागर खंड के अधिशासी अभियंता समेत कई अधिकारी भी रिसर्च टीम के साथ मौजूद रहे.
पीलीभीत में 12 प्रजातियों के कछुए
कछुओं पर रिसर्च करने वाली टर्टल सर्वाइवल एलाइंस टीम ने बताया कि पूरे प्रदेश में 15 प्रजाति के कछुए पाए जाते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा 12 प्रजाति के कछुए पीलीभीत में पाए जाते हैं. साथ ही गोमती उद्गम स्थल कछुओं के लिए बेहद ही अच्छी जगह है. यहां का पर्यावरण कछुओं के लिए बेहतर है.