पीलीभीतः पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों से बाहर निकलकर लगातार आबादी वाले इलाके में दहशत फैला रही बाघिन को वन विभाग की टीम ने आखिरकार पकड़ लिया. बाघिन को सफलतापूर्वक रेस्क्यू करने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच उसे फिर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों में ले जाया गया. यहां उसको निगरानी में रखने और उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद बाघिन को वापस जंगल में छोड़ने की रणनीति तैयार होगी.
दरअसल, बीते दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों से बाहर निकलकर एक बाघिन बरखेड़ा इलाके के कई गांव में दहशत फैला रही थी. बाघिन की निगरानी में लगातार वन विभाग की 3 टीमें लगाई गई थीं. इसके साथ ही उच्च अधिकारी भी लगातार मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे थे. बाघिन की मौजूदगी के कारण लोग खेतों पर जाने से भी डर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ बाघिन को पकड़ने की मांग गांव वाले लगातार उठा रहे थे.
बाघिन को वन विभाग की टीम ने बरखेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले केशवपुर गांव के बाहर स्थित गौशाला में खाबड़ लगाकर घेर लिया था. रविवार को पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डॉक्टर दक्ष और दुधवा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर दयाशंकर की संयुक्त टीम ने बाघिन का रेस्क्यू किया. रेस्क्यू के बाद बाघिन को कड़ी सुरक्षा के बीच पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में ले जाया गया.
इस संबंध में जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि लगातार मानव आबादी के बीच नजर आ रही बाघिन का विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में रेस्क्यू किया गया. उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार बाघिन को वापस जंगल में छोड़ने की रणनीति बनेगी.
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