पीलीभीत : सावन का त्यौहार शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है. वहीं, इस बीच नाग पंचमी का त्यौहार भी मनाया जाता है. इस दिन आराध्य नाग देवता का पूजन होता है.
पौराणिक काल से ही नाग पंचमी के दिन सांपों को देवता के रूप में पूजने की प्रथा चली आ रही है. वहीं, पीलीभीत में नाग पंचमी के दिन एक पुरानी मजार पर हिंदू धर्म के लोग चना और दूध चढ़ाते हैं. यहां के बुजुर्गों की माने तो लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है.
एक तरफ जहां नाग पंचमी के त्यौहार का पर्व हिंदू समुदाय द्वारा आस्था से मनाया जाता है. हिंदू परिवार के लोग अपने घर के आसपास के मंदिरों में जाकर दूध और चना चढ़ाते हैं. लेकिन पीलीभीत जिले में इस प्रथा के साथ-साथ कुछ अलग भी देखने को मिलता है.
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यहां जिले की पूरनपुर तहसील स्थित किवला हजरत खाकी साहब बाबा की मजार पर लंबे समय से नाग पंचमी के दिन हिंदू श्रद्धालु दूध और चना चढ़ाने आते हैं. बता दें कि यह रस्म यहां लंबे समय से हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा निभाई जाती है.
लंबे समय से नाग पंचमी पर मजार पर दूध और चना चढ़ाने की प्रथा है. मजार के खादिम ने बताया कि यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. आज तक यहां कोई विवाद नहीं हुआ.
मजार पर सबकी मनोकामना पूरी होती है. पहले मंदिरों में दूध चढ़ाकर नाग देवता की पूजा होती है फिर मजार पर भी पुरानी परंपरा को निभाया जाता है.