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बाघों के साथ-साथ हाथियों ने भी फैलाई दहशत, ग्रामीणों का जीना मुश्किल

पीलीभीत जिले में हाथियों का कहर बढ़ता जा रहा है. मरौरी ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सैजना गांव के रहने वाले किसान गिरीश की झोपड़ी को हाथियों हाथियों ने उत्पात मचाते हुए तहस-नहस कर दिया. झोपड़ी में रखा गया गृहस्ती का सामान भी तोड़ डाला. किसान ने बमुश्किल परिजनों के साथ जंगल की ओर भाग कर हाथियों से अपनी जान बचाई है.

बाघों के साथ-साथ हाथियों ने भी फैलाई दहशत
बाघों के साथ-साथ हाथियों ने भी फैलाई दहशत
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Published : Aug 22, 2021, 4:19 PM IST

Updated : Aug 22, 2021, 4:41 PM IST

पीलीभीत: इंडो नेपाल बॉर्डर की सीमा को पार करते हुए नेपाल की शुक्ला फेंटा सेंचुरी से नेपाली हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व तक पहुंच गए हैं. यहां टाइगर रिजर्व से सटे गांव में हाथी ग्रामीणों की फसलें उजाड़ने के साथ-साथ अब मकान व मचान को भी गिराने में लगे हैं, जिसे देख अब ग्रामीणों में भय का माहौल है.


दरअसल, एक लंबे अरसे से नेपाल की शुक्ला फेंटा सेंचुरी से कॉरीडोर के जरिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों तक नेपाली हाथी आते रहे हैं. क्योंकि, हाथियों की याददाश्त वंश के साथ आगे बढ़ती है ऐसे में अपने पूर्वजों की यादें ताजा करने के लिए एक बार फिर नेपाली हाथी बीते दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों तक पहुंचे. जहां पहुंच कर जंगलों से सटे गांवों में किसानों का इन हाथियों ने अच्छा खासा नुकसान किया है. जंगल किनारे खेतों में खड़ी गन्ने और धान की फसलें उजाड़ने के साथ-साथ अब फसलों की निगरानी के लिए बनाए गए मचान और मकान भी हाथियों के निशाने पर हैं.

बाघों के साथ-साथ हाथियों ने भी फैलाई दहशत
मरौरी ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सैजना गांव के रहने वाले किसान गिरीश की झोपड़ी को हाथियों हाथियों ने उत्पात मचाते हुए तहस-नहस कर दिया. झोपड़ी में रखा गया गृहस्ती का सामान भी तोड़ डाला. किसान ने बमुश्किल परिजनों के साथ जंगल की ओर भाग कर हाथियों से अपनी जान बचाई. जिसके बाद सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के अफसरों ने किसान को मुआवजा दिलवाने की बात कही है. वहीं रमपुरिया गांव पहुंचे नेपाली हाथियों ने खेतों में खड़ी धान की फसल उजाड़ने के साथ-साथ फसलों की निगरानी के लिए जंगल किनारे बनाए गए मचान को भी तहस-नहस कर दिया, जिसके बाद अब किसानों का बर्बाद हुई फसल को देखकर रो-रो कर बुरा हाल है.
बजाए गए पटाखे
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से होकर गुजरने वाले पीलीभीत माधोटांडा बाईपास पर हाथियों के झुंड ने आकर डेरा जमा लिया, जिसके बाद आवागमन प्रभावित हो गया. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में पटाखे बजाकर हाथियों को आबादी से दूर जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया इस दौरान काफी देर तक सड़क पर यातायात प्रभावित दिखा.
मामले पर बोले डिप्टी डायरेक्टर
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया है कि लंबे समय से नेपाली हाथियों के लिए शुक्ला फेंटा सेंचुरी से पीलीभीत टाइगर रिजर्व तक का कॉरिडोर भरा हुआ है. हर साल यह नेपाली हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व तक पहुंचते हैं लेकिन इस बार यह हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व की उन रेंज तक भी पहुंच गए हैं जहां पहले कभी नहीं आए. नेपाली हाथियों की निगरानी के लिए एसडीओ के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया गया है जो लगातार दिन और रात हाथियों की मॉनिटरिंग कर रही हैं. हाथियों द्वारा किए जा रहे नुकसान को लेकर किसानों को विभाग की ओर से प्रावधान अनुसार मुआवजा भी दिया जाएगा.

पीलीभीत: इंडो नेपाल बॉर्डर की सीमा को पार करते हुए नेपाल की शुक्ला फेंटा सेंचुरी से नेपाली हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व तक पहुंच गए हैं. यहां टाइगर रिजर्व से सटे गांव में हाथी ग्रामीणों की फसलें उजाड़ने के साथ-साथ अब मकान व मचान को भी गिराने में लगे हैं, जिसे देख अब ग्रामीणों में भय का माहौल है.


दरअसल, एक लंबे अरसे से नेपाल की शुक्ला फेंटा सेंचुरी से कॉरीडोर के जरिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों तक नेपाली हाथी आते रहे हैं. क्योंकि, हाथियों की याददाश्त वंश के साथ आगे बढ़ती है ऐसे में अपने पूर्वजों की यादें ताजा करने के लिए एक बार फिर नेपाली हाथी बीते दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगलों तक पहुंचे. जहां पहुंच कर जंगलों से सटे गांवों में किसानों का इन हाथियों ने अच्छा खासा नुकसान किया है. जंगल किनारे खेतों में खड़ी गन्ने और धान की फसलें उजाड़ने के साथ-साथ अब फसलों की निगरानी के लिए बनाए गए मचान और मकान भी हाथियों के निशाने पर हैं.

बाघों के साथ-साथ हाथियों ने भी फैलाई दहशत
मरौरी ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सैजना गांव के रहने वाले किसान गिरीश की झोपड़ी को हाथियों हाथियों ने उत्पात मचाते हुए तहस-नहस कर दिया. झोपड़ी में रखा गया गृहस्ती का सामान भी तोड़ डाला. किसान ने बमुश्किल परिजनों के साथ जंगल की ओर भाग कर हाथियों से अपनी जान बचाई. जिसके बाद सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के अफसरों ने किसान को मुआवजा दिलवाने की बात कही है. वहीं रमपुरिया गांव पहुंचे नेपाली हाथियों ने खेतों में खड़ी धान की फसल उजाड़ने के साथ-साथ फसलों की निगरानी के लिए जंगल किनारे बनाए गए मचान को भी तहस-नहस कर दिया, जिसके बाद अब किसानों का बर्बाद हुई फसल को देखकर रो-रो कर बुरा हाल है.
बजाए गए पटाखे
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से होकर गुजरने वाले पीलीभीत माधोटांडा बाईपास पर हाथियों के झुंड ने आकर डेरा जमा लिया, जिसके बाद आवागमन प्रभावित हो गया. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में पटाखे बजाकर हाथियों को आबादी से दूर जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया इस दौरान काफी देर तक सड़क पर यातायात प्रभावित दिखा.
मामले पर बोले डिप्टी डायरेक्टर
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया है कि लंबे समय से नेपाली हाथियों के लिए शुक्ला फेंटा सेंचुरी से पीलीभीत टाइगर रिजर्व तक का कॉरिडोर भरा हुआ है. हर साल यह नेपाली हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व तक पहुंचते हैं लेकिन इस बार यह हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व की उन रेंज तक भी पहुंच गए हैं जहां पहले कभी नहीं आए. नेपाली हाथियों की निगरानी के लिए एसडीओ के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया गया है जो लगातार दिन और रात हाथियों की मॉनिटरिंग कर रही हैं. हाथियों द्वारा किए जा रहे नुकसान को लेकर किसानों को विभाग की ओर से प्रावधान अनुसार मुआवजा भी दिया जाएगा.
Last Updated : Aug 22, 2021, 4:41 PM IST
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