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बचपन की यादें ताजा करने पहुंचीं नेपाली हाथियों ने यहां बरपाया कहर - पीलभीत समाचार

पीलीभीत के टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) से सटे गांवों में नेपाल की शुक्ला फंटा सेंचुरी (Shukla Fanta Century Nepal) से पहुंची हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

नेपाली हाथियां पहुंची पीलीभीत.
नेपाली हाथियां पहुंची पीलीभीत.
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Published : Aug 15, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Aug 15, 2021, 4:25 PM IST

पीलीभीतः नेपाल की शुक्ला फंटा सेंचुरी (Shukla Fanta Century Nepal) से निकलकर हाथी एक बार फिर जिले में दस्तक दे चुके हैं. हाथियों का झुंड अब जंगल में उत्पात मचाने के साथ-साथ जंगल से सटे गांवों को भी निशाना बन रहे हैं. जंगल से सटे मरौरी गांव में शनिवार रात को हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. ग्रामीणों की सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम हाथियों की निगरानी कर रही है.

नेपाली हाथियां पहुंची पीलीभीत.
बता दें कि नेपाल की शुक्ला फेंटा सेंचुरी से पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) आने वाला कॉरिडोर अक्सर नेपाली हाथियों के निशाने पर रहता है. नेपाल से चलकर अक्सर जंगली हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पहुंचकर उत्पात मचाते हैं और वापस लौट जाते हैं. टाइगर रिजर्व के अफसरों की मानें तो लंबे समय से यह हाथी पीलीभीत टाइगर दर में आ रहे हैं. करीब 100 साल से यह हाथी नेपाल की शुक्ला पेंटर सेंचुरी से जुड़ने वाले लग्गा बग्गा के कॉरिडोर पर यहां हाथी आते रहे हैं. क्योंकि हाथियों की याददाश्त काफी अच्छी होती है. इसी कारण अब यह अपने बचपन की यादों को ताजा करने फिर जिले में आए हैं. हाथियों का मनपसंद भोजन शुगर केन (गन्ना) है. जिस कारण शनिवार देर रात सदर तहसील के मरौरी गांव में जंगल से निकलकर नेपाली हाथियों ने गन्ने के खेत में जमकर उत्पात मचाया और किसान की फसल उजाड़ दी.

इसे भी पढ़ें-एक तरफ स्वतंत्रता दिवस, दूसरी तरफ पिंजरे में कैद बापू सहित 4 महापुरुषों की प्रतिमाएं

मरौरी गांव में शनिवार देर रात हाथियों के तांडव को देख अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल है,.ग्रामीणों की मानें तो लगभग 1 दर्जन से अधिक हाथियों ने गांव से सटे खेतों में जमकर उत्पात मचाया और फसलें उजाड़ दी. जिसके कारण अब ग्रामीण अपने खेतों पर जाने से इतरा रहे हैं. हाथियों द्वारा माला रेंज से सटे गांव में उत्पात मचाए जाने की सूचना विभाग के अफसरों को लगी तो मौके पर टीम पहुंची. टीम के साथ पहुंचे पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज के एसडीओ सतपाल ने बताया हाथियों की निगरानी के लिए टीम गठित की गई है. इसके साथ ग्रामीणों को भी सजग रहने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. अगर महकमे में कहीं मुआवजा देने का प्रावधान होगा तो वन विभाग की ओर से नुकसान के लिए मुआवजा ग्रामीणों को दिया जाएगा.

पीलीभीतः नेपाल की शुक्ला फंटा सेंचुरी (Shukla Fanta Century Nepal) से निकलकर हाथी एक बार फिर जिले में दस्तक दे चुके हैं. हाथियों का झुंड अब जंगल में उत्पात मचाने के साथ-साथ जंगल से सटे गांवों को भी निशाना बन रहे हैं. जंगल से सटे मरौरी गांव में शनिवार रात को हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. ग्रामीणों की सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम हाथियों की निगरानी कर रही है.

नेपाली हाथियां पहुंची पीलीभीत.
बता दें कि नेपाल की शुक्ला फेंटा सेंचुरी से पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) आने वाला कॉरिडोर अक्सर नेपाली हाथियों के निशाने पर रहता है. नेपाल से चलकर अक्सर जंगली हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पहुंचकर उत्पात मचाते हैं और वापस लौट जाते हैं. टाइगर रिजर्व के अफसरों की मानें तो लंबे समय से यह हाथी पीलीभीत टाइगर दर में आ रहे हैं. करीब 100 साल से यह हाथी नेपाल की शुक्ला पेंटर सेंचुरी से जुड़ने वाले लग्गा बग्गा के कॉरिडोर पर यहां हाथी आते रहे हैं. क्योंकि हाथियों की याददाश्त काफी अच्छी होती है. इसी कारण अब यह अपने बचपन की यादों को ताजा करने फिर जिले में आए हैं. हाथियों का मनपसंद भोजन शुगर केन (गन्ना) है. जिस कारण शनिवार देर रात सदर तहसील के मरौरी गांव में जंगल से निकलकर नेपाली हाथियों ने गन्ने के खेत में जमकर उत्पात मचाया और किसान की फसल उजाड़ दी.

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मरौरी गांव में शनिवार देर रात हाथियों के तांडव को देख अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल है,.ग्रामीणों की मानें तो लगभग 1 दर्जन से अधिक हाथियों ने गांव से सटे खेतों में जमकर उत्पात मचाया और फसलें उजाड़ दी. जिसके कारण अब ग्रामीण अपने खेतों पर जाने से इतरा रहे हैं. हाथियों द्वारा माला रेंज से सटे गांव में उत्पात मचाए जाने की सूचना विभाग के अफसरों को लगी तो मौके पर टीम पहुंची. टीम के साथ पहुंचे पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज के एसडीओ सतपाल ने बताया हाथियों की निगरानी के लिए टीम गठित की गई है. इसके साथ ग्रामीणों को भी सजग रहने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. अगर महकमे में कहीं मुआवजा देने का प्रावधान होगा तो वन विभाग की ओर से नुकसान के लिए मुआवजा ग्रामीणों को दिया जाएगा.

Last Updated : Aug 15, 2021, 4:25 PM IST
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