पीलीभीत : बीजेपी नेता और पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी के अपनी ही सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. सांसद वरुण गांधी दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे हैं. ऐसे में सांसद वरुण गांधी ने तमाम संविदा कर्मचारियों को एक आयोजित कार्यक्रम में उनको संबोधित किया और सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला.
दरअसल, शहर के यशवंतरी देवी मंदिर परिसर में अपनी मांगों को सांसद के समक्ष रखने के लिए जिले भर के तमाम विभागों में तैनात संविदा कर्मचारियों ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए सांसद वरुण गांधी रविवार को पीलीभीत पहुंचे. कार्यक्रम में पहुंचे सांसद वरुण गांधी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आपकी समस्याओं को सुनने के लिए आपके बीच बैठना जरूरी है. इतना कहके सांसद वरुण गांधी मंच से नीचे उतर गए और संविदा कर्मचारियों के बीच जा बैठे.
संविदा कर्मचारियों के बीच समस्याएं सुनने के बाद सांसद वरुण गांधी ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों के जीवन पर इतना दबाव है, कि आपकी समस्या सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए. सांसद वरुण गांधी ने कहा कि एक तरीका अपनी बातों को मनवाने का यह है कि आप अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखकर उनसे मांग करें. दूसरा तरीका यह है कि आप अपने आप को संगठित करें और अपनी ताकत का प्रदर्शन करें. इससे आपको अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने हाथ ना फैलाना पड़े.
'सवा साल दिल्ली की सीमा पर बैठे रहे देश के किसान'
सांसद वरुण गांधी ने भरे मंच पर संबोधन के दौरान कहा कि सवा साल देशभर के किसान दिल्ली की सीमा पर धरने पर बैठे रहे. वीरता से किसान राजधानी के तट पर सड़कों पर अपना आंदोलन करते हुए, सरकार से दो दो हाथ करते रहे. ऐसे में, मैं ऐसा इकलौता सांसद था, जिसने शुरू से किसानों का खुलेआम पक्ष लिया. लोगों ने मुझसे कहा कि आपका दल क्या सोचेगा. मैंने कहा कि दल को तो हम समझा लेंगे, लेकिन हमको यह सोचना है कि देश क्या सोचेगा.
आप लोगों के रूप में आज मेरे सामने कोई अगला पिछला हिंदू-मुसलमान नहीं बल्कि हिंदुस्तान बैठा है. मैं यहां पर आपकी बात को सिर्फ संसद में उठाने के लिए नहीं आया हूं, ना ही मैं आपकी बात को ज्ञापन और छुट्टी के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचाने आया हूं, बल्कि मैं आपके सामने यह कहने आया हूं कि आपके इस आंदोलन में आपके कष्ट में मैं अपने आपको पूरी तरीके से दांव पर लगाने को तैयार हूं.
'मैं साफ दिल की राजनीति करता हूं'सांसद वरुण गांधी ने संबोधन के दौरान कहा- मैं ईमानदार सांसद हूं और साफ दिल की राजनीति करता हूं. मैं उन लोगों की तरह नहीं हूं, जिनके पैरों में पहनने को चप्पल नहीं थी, जो अब शहर में कॉलोनी काट रहे हैं, बड़ी-बड़ी कोठियां बना रहे हैं. मैं आपके साथ दिल से हूं, और जो भी करता हूं दिल से करता हूं. मैं 13 साल से सांसद हूं. मैंने आज तक एक रुपये का वेतन भी बतौर सांसद देश से नहीं लिया. ना मैं सरकारी गाड़ी से चलता हूं और ना ही मैं सरकारी मकान में रहता हूं. मैं राजनीति को सिर्फ एक क्रांति समझ कर राजनीति में आया हूं. क्रांति का मतलब यह नहीं है कि आप जैसे संविदा कर्मचारी परेशान हो, आपकी तरह अगर व्यापारी किसानों का शोषण होगा मजदूरों का शोषण होगा. पढ़े-लिखे नौजवानों का शोषण होगा, तो हमारा देश कभी खड़ा नहीं हो पाएगा.
'अपनी आवाज को तरकस का तीर बना दो' सांसद वरुण गांधी ने कहा कि ज्ञापन सौंपने या इस तरीके से अपनी मांगें रखने से कुछ नहीं होगा. आपको अपनी आवाज को तरकस का तीर बनाना पड़ेगा. यह कुछ महिलाओं और कुछ गरीबों का मामला नहीं है. आपको अपनी ताकत का अंदाजा नहीं है. आज आप लोग पीलीभीत में बैठे हैं अपनी आवाज को उठाने के लिए. जब आप लखनऊ में अपनी आवाज उठाने के लिए पूरे दिन बैठेंगे, तो वरुण गांधी आपके साथ पूरा दिन बैठेगा. और पूरे प्रदेश के सांसद और विधायकों को मैं खुद एक चिट्ठी लिखेंगे. इसमें मैं कहूंगा कि अगर आप इन लोगों के साथ नहीं बैठ सकते तो आप आगे वोट की उम्मीद ना करें भाई.
'भीख मांगने से कभी सम्मान और अधिकार नहीं मिलता'सांसद वरुण गांधी ने महात्मा गांधी भगत सिंह आजाद समेत तमाम लोगों का उदाहरण देते हुए कहा कि आदर्शों से हमें एक चीज़ सीखने को मिलती है. भीख मांगने से हमें कभी सम्मान नहीं मिलता. हमें सम्मान के लिए लड़ाई लड़नी पड़ेगी, क्योंकि बिना ताकत का प्रदर्शन किए कोई भी आपके सामने झुकने वाला नहीं है. आप जहां भी जाएंगे मैं आपके साथ हूं. बैंक बंद होने का मामला जब मेरे संज्ञान में आया तो मैंने उनके समर्थन में भी आवाज उठाई और अपने ट्विटर पर लिखा. क्योंकि 12 लाख लोग बेरोजगार होंगे. वह क्या घास छीलेंगे. बीएसएनल, एयर इंडिया आखिर देश किस तरफ जा रहा है. आम आदमी का बच्चा आखिर कहां नौकरी करेगा. आज देश में तमाम पेपर लीक हो रहे हैं. मैंने आवाज उठाई, इसका जवाब कौन देगा. आखिर बड़े शिक्षा माफियाओं पर कार्रवाई कब होगी.
'समय आ गया है कि हम देश के लिए सोचें'सांसद वरुण गांधी ने सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाते हुए कहा कि समय आ गया है कि हम देश के लिए सोचें, राजनीति के लिए नहीं. हम लोगों को अब सोचना चाहिए कि आखिर राष्ट्र का क्या होगा. आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा. अब जय हिंद बोलने का समय आ गया है. अब सब लोगों को एक होना चाहिए और हर एक व्यक्ति के अंदर देशभक्ति की भावना होनी चाहिए.
'मानदेय आपको जो मिल रहा है वह आपकी तौहीन है, आपके मुंह पर तमाचा है'सांसद वरुण गांधी ने संविदा कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा- यह बात 101% सही है कि आपको जो मानदेय मिल रहा है वह आपकी तोहीन है. आपके मुंह पर तमाचा है. उस मानदेय ने देखा कोई फायदा नहीं है. आप लोगों ने जो राज कर्मचारी के दर्जे की बात की है, वह हंड्रेड परसेंट सही है. क्योंकि कोरोना जैसे कठिन परिस्थितियों में जब आप से काम लिया जाएगा और आपको उसके बदले ना न्याय मिले, ना सम्मान मिले, तो यह कहने का कोई हक नहीं बनता कि इस देश में सब लोगों के साथ अच्छा हो रहा है. जो घुटन का माहौल है वह आप लोगों के साथ मिलकर हम हटाएंगे.
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वरुण गांधी ने कहा- आपके सामान्य वेतन प्रणाली, पेंशन और ग्रेजुएटी समेत तमाम मांगों पर सहमति जताते हुए, मैं आपके साथ गहरे रिश्ते का वादा करता हूं. आपकी इन मांगों को हर तरीके से उठाऊंगा. हर मंच पर उठाऊंगा. मैं आप लोगों की जय बोलता हूं. हिंदुस्तान की जय बोलता हूं. कार्यक्रम के अंत में तमाम संविदा कर्मचारियों ने सांसद वरुण गांधी को अपनी तमाम मांगों से भरा एक ज्ञापन सौंपा.
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