पीलीभीत: सांसद वरुण गांधी ने छात्रहित की आवाज उठाते हुए एक बार फिर ट्वीट किया है. वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की फीस में बढ़ोतरी को दुखद बताया है. इसके अलावा उन्होंने IIT, IIM समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ोतरी का भी मुद्दा उठाया है. उन्होंने लिखा है कि ये ऐसे संस्थान हैं जहां गांव और कस्बे से निकले गरीब बच्चे कुछ कर दिखाने का सपना देखते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि उनके सपनों पर प्रहार क्यों ?
गौरतलब है कि सांसद वरुण गांधी छात्र, किसान और आमजन के मुद्दे अक्सर उठाते देखे जाते हैं. देशहित के लिए वो अपनी सरकार के खिलाफ बोलने से भी पीछे नहीं हटते. यह पहली बार नहीं है कि उन्होंने छात्रहित में आवाज उठाई है. इससे पहले भी कई दफा उन्हें ऐसे ट्वीट करते देखा गया है. इसी कड़ी में बुधवार को भी उन्होंने ट्टीट किया है.
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय की फीस में सीधा 400% वृद्धि का फैसला दुखद है।
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IIT, IIM समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी का यह रुझान अनवरत जारी है।
यह वो संस्थान हैं जहां गाँव-कस्बों से निकला गरीब से गरीब छात्र भी कुछ कर दिखाने का सपना देखता है।
उन सपनों पर प्रहार क्यूँ? pic.twitter.com/MZ56REERjT
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— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 14, 2022
IIT, IIM समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी का यह रुझान अनवरत जारी है।
यह वो संस्थान हैं जहां गाँव-कस्बों से निकला गरीब से गरीब छात्र भी कुछ कर दिखाने का सपना देखता है।
उन सपनों पर प्रहार क्यूँ? pic.twitter.com/MZ56REERjTइलाहाबाद विश्वविद्यालय की फीस में सीधा 400% वृद्धि का फैसला दुखद है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 14, 2022
IIT, IIM समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी का यह रुझान अनवरत जारी है।
यह वो संस्थान हैं जहां गाँव-कस्बों से निकला गरीब से गरीब छात्र भी कुछ कर दिखाने का सपना देखता है।
उन सपनों पर प्रहार क्यूँ? pic.twitter.com/MZ56REERjT
वरुण गांधी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की फीस में सीधा 400 फीसदी वृद्धि का फैसला दुखद है. IIT, IIM समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी का यह रुझान अनवरत जारी है. यह वो संस्थान हैं जहां गांव-कस्बों से निकला गरीब से गरीब छात्र भी कुछ कर दिखाने का सपना देखता है. उन सपनों पर प्रहार क्यों? इस तरह उन्होंने एक बार फिर छात्रों की आवाज उठाने की कोशिश की है.
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