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बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत, हंगामा

पीलीभीत में बुधवार देर रात प्रसव के दौरान महिला और बच्चे की मौत हो गई. डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर परिवार वालों ने अस्पताल में हंगामा किया. परिवार वाले आशा बहू के कहने पर यहां प्रसव के लिए लाए थे. इस अस्पताल का कहीं कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं है. मृतक महिला की सास का आरोप है कि डॉक्टरों ने उसकी बहू को प्रसव के लिए पीटा भी था.

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Published : Dec 10, 2020, 2:33 AM IST

बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत
बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत

पीलीभीत: धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों का शर्मनाक चेहरा पीलीभीत में देखने को मिला है. बुधवार देर रात प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने पर नवजात और मां की मौत हो गई. परिजनों ने मासूम और महिला की मौत के बाद नर्सिंग होम में जमकर हंगामा काटा. अस्पताल और डॉक्टरों पर पैसों के लालच में मासूम और महिला की जिंदगी से खेलने का आरोप लगा है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

पीलीभीत में अवैध रूप से चल रहे अस्पताल में हुई मां और नवजात की मौत.

पीलीभीत के पिपरिया अगरु के रहने वाले राजेंद्र अपनी पत्नी जमुना देवी उम्र 25 साल को प्रसव के लिए गांव की आशा के कहने पर शहर के अपना नर्सिंग होम में लाए थे. यहां पहले तो डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी कराने का प्रयास करते रहे. फिर अचानक परिजनों को डराकर ऑपरेशन की बात कही. परिजनों ने ऑपरेशन करने के लिए हामी भर दी, जिसके बाद नवजात का जन्म हुआ और परिजनों को डरा कर डॉक्टर ने नवजात को बड़े अस्पताल ले जाने की बात कही, जहां मासूम मृत पाया गया. जब परिजन नवजात को लेकर अस्पताल वापस लौटे तो महिला की भी मौत हो चुकी थी. मृतक महिला की सास का कहना है कि डिलीवरी कराने के लिए डॉक्टर ने मृतक जमुना देवी के साथ मारपीट भी की. अब ऐसे में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.

वहीं स्वास्थ्य विभाग में इस अस्पताल का कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली संदिग्ध प्रतीत हो रही है. आखिरकार क्यों स्वास्थ्य महकमे के संरक्षण में बिना रजिस्ट्रेशन के यह मौत के घर चल रहे हैं.

पीलीभीत: धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों का शर्मनाक चेहरा पीलीभीत में देखने को मिला है. बुधवार देर रात प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने पर नवजात और मां की मौत हो गई. परिजनों ने मासूम और महिला की मौत के बाद नर्सिंग होम में जमकर हंगामा काटा. अस्पताल और डॉक्टरों पर पैसों के लालच में मासूम और महिला की जिंदगी से खेलने का आरोप लगा है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

पीलीभीत में अवैध रूप से चल रहे अस्पताल में हुई मां और नवजात की मौत.

पीलीभीत के पिपरिया अगरु के रहने वाले राजेंद्र अपनी पत्नी जमुना देवी उम्र 25 साल को प्रसव के लिए गांव की आशा के कहने पर शहर के अपना नर्सिंग होम में लाए थे. यहां पहले तो डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी कराने का प्रयास करते रहे. फिर अचानक परिजनों को डराकर ऑपरेशन की बात कही. परिजनों ने ऑपरेशन करने के लिए हामी भर दी, जिसके बाद नवजात का जन्म हुआ और परिजनों को डरा कर डॉक्टर ने नवजात को बड़े अस्पताल ले जाने की बात कही, जहां मासूम मृत पाया गया. जब परिजन नवजात को लेकर अस्पताल वापस लौटे तो महिला की भी मौत हो चुकी थी. मृतक महिला की सास का कहना है कि डिलीवरी कराने के लिए डॉक्टर ने मृतक जमुना देवी के साथ मारपीट भी की. अब ऐसे में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.

वहीं स्वास्थ्य विभाग में इस अस्पताल का कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली संदिग्ध प्रतीत हो रही है. आखिरकार क्यों स्वास्थ्य महकमे के संरक्षण में बिना रजिस्ट्रेशन के यह मौत के घर चल रहे हैं.

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