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पीलीभीत पुनर्वास केंन्द्र का प्रदेश में तीसरा स्थान, 1300 से अधिक बच्चों का हो चुका है इलाज - कुपोषण रोग

प्रदेश सरकार की पहल पर सन् 2014 में यूपी के सभी जिलों में पुनर्वास केंद्र बनाए गए थे. पीलीभीत जिले में बच्चों में कुपोषण रोग से ग्रसित होने के मामले कम हो गए हैं.

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पीलीभीत पुनर्वास केंन्द्र में हो चुका है 1300 सेअधिक बच्चों का इलाज
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Published : Dec 13, 2019, 7:35 AM IST

पीलीभीतः कुपोषण जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए यूपी सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कुपोषण की बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2014 में सभी जिलों में पुनर्वास केंद्र बनाए गए थे. इन पुनर्वास केंद्रों को 5 साल तक के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने की जिम्मेदारी दी गई थी. इसी तर्ज पर पीलीभीत में भी लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2014 में पुनर्वास केंन्द्र बनाया गया था.

पीलीभीत पुनर्वास केंन्द्र में हो चुका है 1300 सेअधिक बच्चों का इलाज

इस वर्ष पीलीभीत के पुनर्वास केंन्द्र में 1300 से ज्यादा बच्चों को कुपोषण रोग से छुटकारा मिला है. पीलीभीत का पुनर्वास केंन्द्र कुपोषित बच्चों का इलाज करके यूपी में तीसरा स्थान प्राप्त कर चुका है. जानकारी के अनुसार पीलीभीत में पिछले सालों से हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार थे, लेकिन जिला अस्पताल में बनाया गया पोषण पुनर्वास केंद्र इन कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबितत हो रही है.

पीलीभीत पुनर्वास केंन्द्र में अलग-अलग जिले से कुपोषित बच्चों को लाकर 14 दिन तक रखा जाता है. इस दौरान बच्चों और माताओं बच्चों के स्वास्थ्य के अनुसार आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है. इस दौरान बच्चों की माताओं को प्रतिदिन 50 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. कुपोषण से ग्रस्त बच्चे का चेकअप किया जाता है, जिसमें बच्चों का वजन और लंबाई नापी जाती है. बच्चे के स्वास्थ्य के अनुसार उसका डाइट चार्ट तैयार किया जाता है.

पीलीभीतः कुपोषण जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए यूपी सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कुपोषण की बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2014 में सभी जिलों में पुनर्वास केंद्र बनाए गए थे. इन पुनर्वास केंद्रों को 5 साल तक के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने की जिम्मेदारी दी गई थी. इसी तर्ज पर पीलीभीत में भी लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2014 में पुनर्वास केंन्द्र बनाया गया था.

पीलीभीत पुनर्वास केंन्द्र में हो चुका है 1300 सेअधिक बच्चों का इलाज

इस वर्ष पीलीभीत के पुनर्वास केंन्द्र में 1300 से ज्यादा बच्चों को कुपोषण रोग से छुटकारा मिला है. पीलीभीत का पुनर्वास केंन्द्र कुपोषित बच्चों का इलाज करके यूपी में तीसरा स्थान प्राप्त कर चुका है. जानकारी के अनुसार पीलीभीत में पिछले सालों से हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार थे, लेकिन जिला अस्पताल में बनाया गया पोषण पुनर्वास केंद्र इन कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबितत हो रही है.

पीलीभीत पुनर्वास केंन्द्र में अलग-अलग जिले से कुपोषित बच्चों को लाकर 14 दिन तक रखा जाता है. इस दौरान बच्चों और माताओं बच्चों के स्वास्थ्य के अनुसार आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है. इस दौरान बच्चों की माताओं को प्रतिदिन 50 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. कुपोषण से ग्रस्त बच्चे का चेकअप किया जाता है, जिसमें बच्चों का वजन और लंबाई नापी जाती है. बच्चे के स्वास्थ्य के अनुसार उसका डाइट चार्ट तैयार किया जाता है.

Intro:कुपोषण जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए सरकारें लगातार कई तरह के प्रयास कर रही है जिसको लेकर 2014 में सभी जिलों में पुनर्वास केंद्र बनाए गए थे जिसमें 5 साल तक के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने का जिम्मा लिया गया था जिसमें पीलीभीत को पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ हैBody:पीलीभीत में पिछले सालों से हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार थे लेकिन जिला अस्पताल में बनाई है पोषण पुनर्वास केंद्र इन कुपोषित बच्चों के लिए वरदान से कम नहीं है 2014 में बनाया केंद्र जिले के अभी तक 1300 से ज्यादा बच्चों को कुपोषण मुक्त कर पूरे प्रदेश में शीर्ष तीन में स्थान बना चुका है जिले में अलग-अलग क्षेत्रों से बच्चों को लाकर 14 दिन तक रखा जाता है और माताओं बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है इस दौरान कितने दिन बच जाए इस केंद्र में रहता है उतने दिन माताओं को प्रतिदिन ₹50 की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है कुपोषण से ग्रस्त बच्चे का चेकअप किया जाता है जिसमें बच्चों का वजन व लंबाई नापी जाती है और बच्चे के स्वास्थ्य के अनुसार उसका डाइट चार्ट तैयार करता है और भरपूर पोषक आहार द्वारा तैयार किया जाता है और बच्चा कुपोषण से मुक्ति पा जाता है तो फिर से वजन चेक किया जाता है और फिर बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया जाता है क्योंकि इस केंद्र में 5 साल तक के बच्चों का इलाज होता है इसलिए बच्चों के लिए खेलकूद कछ भी बना है जिसमें बच्चों के लिए खिलौने का भी इंतजाम है इसके साथ ही साफ सुथरे कमरों का वातावरण बच्चों को खूब भाता है जो सेवाएं या केंद्र दे रहा है ऐसी सेवाएं किसी प्राइवेट अच्छे अस्पताल में मिलना मुश्किल हैConclusion:जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रतनपाल सुबल ने बताया कि बच्चों के कुपोषण जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए पुनर्वास केंद्र 2014 में यहां बना था तब से लेकर आज तक यहां पर 13 सौ से अधिक बच्चों को कुपोषण मुक्त किया गया है और इतनी बड़ी संख्या में कुपोषण मुक्त करा पाना हमारे लिए एक गौरव का विषय है इस बड़ी संख्या में बच्चों को कुपोषण मुक्त करने से हमारे पुनर्वास केंद्र को पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है

बाइट- मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रतन पाल सुमन
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