पीलीभीत: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बीते दिनों संसद में वर्ष 2023 और 24 का बजट पेश किया गया था. ऐसे में योगी सरकार के सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जनपदों में मीडिया के सामने बजट की उपलब्धियां गिना रहे हैं. वहीं, गुरुवार को मंत्री बलदेव सिंह ने मीडिया के सामने जनपद में अपने कार्यकर्ताओं को बजट के बारे में जानकारी दी.
प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री बलदेव सिंह का शहर में गुरुवार को जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. राज्यमंत्री शहर के गांधी प्रेक्षागृह में पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए बजट के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे तेज गति का विकास की राह दिखाने वाला सुपर इकोनामी वाला बजट है. राज्य मंत्री ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों में पर्याप्त बजट देकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर व्यक्ति के सर पर छत हो. ऐसे में आवास योजना के लिए एक बड़ा बजट जारी किया गया है. जिससे ज्यादा से ज्यादा गरीबों के आवास बनाया जा सके. केंद्र सरकार के बजट का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि, विकास और रोजगार के सृजन को मजबूत करना और प्रोत्साहन देना है. इसके साथ ही व्यापक आर्थिक स्थिरता को भी मजबूत करना है.
राज्य मंत्री बलदेव सिंह ने प्रेस वार्ता को भी संबोधित करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार जैसे तमाम मुद्दों पर पर्याप्त बजट जारी किया है. ताकि लोगों को रोटी कपड़ा मकान जैसी बुनियादी चीजें मिल सकें. इसके साथ ही देश भर में पर्यटन स्थलों को डेवलप करने के लिए भी बजट जारी किया गया है. राज्य मंत्री ने कहा यह बजट आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है. साथ ही कहा कि केंद्र सरकार के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर जा रही है.
मदरसों के बजट पर बोले राज्यमंत्रीः राज्य मंत्री बलदेव सिंह ने मदरसों के बजट कटौती को लेकर कहा कि जब वह अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री थे तो उन्होंने यूपी में सभी मदरसों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने का काम किया. जिसके बाद भी तमाम मदरसे फर्जी रूप से चल रहे थे. वह सभी मदरसे अब सामने आ गए हैं. राज्य मंत्री ने कहा सरकार ने बजट में कोई कटौती नहीं की है. बल्कि उन मदरसों को सूची से बाहर किया है. जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि मदरसों में भी अच्छी शिक्षा दी जाए.